The Indian Opinion
बाराबंकी
सुधांशु ठाकुर
प्रशासन की मेहनत से प्रसन्न दिखे सीएम, दिया लखनऊ जैसे विकास का भरोसा, दीनदयाल की जयंती से बाराबंकी के सौभाग्य का उदय!
अंत्योदय और एकात्म मानववाद जैसे वैश्विक महत्व वाले राजनीतिक सामाजिक सिद्धांतों को भारतीय राजनीति में स्थापित करके गरीबों और कमजोरों के हित में बड़ा परिवर्तन लाने वाले पंडित दीनदयाल उपाध्याय की प्रतिमा का अनावरण करने जब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बाराबंकी पहुंचे, तो प्रशासन के बेहतर इंतजाम, जनता और जनप्रतिनिधियों की ओर से हुए भव्य स्वागत से वे प्रसन्न दिखे। औपचारिक कार्यक्रमों के पश्चात जब मुख्यमंत्री ने जनता को संबोधित करना शुरू किया, तो बाराबंकी को लखनऊ जैसे समग्र विकास का भरोसा देकर उन्होंने बाराबंकी के लोगों के हृदय में एक नए उत्साह का संचार कर दिया।

स्टेट कैपिटल रीजन की चर्चा करके मुख्यमंत्री ने बाराबंकी के लगभग 45 लाख लोगों को आर्थिक विकास और आधुनिक जीवन शैली के मार्ग पर ले जाने का भरोसा दिया। इतना ही नहीं, अयोध्या, वाराणसी और मथुरा के बाद बाराबंकी का महादेवा धाम प्रदेश का चौथा ऐसा तीर्थ स्थल बन जाएगा जहां भव्य, सुविधाजनक धार्मिक कॉरिडोर निर्मित हो रहा है। यह न सिर्फ धार्मिक और सांस्कृतिक पर्यटन को आकर्षित करेगा, बल्कि बाराबंकी की प्राचीन संस्कृति को पुनर्स्थापित करने के साथ ही जनपद के लोगों के लिए रोजगार और स्वावलंबन के नए द्वार खोलेगा।

जिले में तीन नए औद्योगिक क्षेत्र विकसित हो रहे हैं, जिनके माध्यम से हजारों युवाओं को सीधे रोजगार मिलेगा। इसके अलावा, जनपद से जुड़े दिग्गज हॉकी खिलाड़ी के डी सिंह बाबू के भव्य स्मारक के निर्माण का संदेश देकर मुख्यमंत्री ने यह भी बता दिया कि वह बाराबंकी को भविष्य में खेलों की राजधानी के रूप में स्थापित करने की मंशा रखते हैं।
कुल मिलाकर, योगी आदित्यनाथ का भाषण बाराबंकी के समग्र विकास पर केंद्रित रहा। उनके शब्द और भाव यह स्पष्ट कर रहे थे कि बाराबंकी में जिला प्रशासन के अधिकारियों की मेहनत रंग लाई, और इसीलिए प्रसन्न होकर मुख्यमंत्री ने बाराबंकी के चौमुखी विकास के लिए न सिर्फ अनेक घोषणाएं कीं, बल्कि ऐसी योजनाओं को भी विस्तार देने की बात कही जो उनकी सरकार के द्वारा स्वीकृत की जा चुकी हैं और जिन पर काम भी शुरू हो गया है।
लंबे समय बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का बाराबंकी नगर का कार्यक्रम इतना सुव्यवस्थित और भव्य रूप में संपन्न हुआ। सबसे बड़ी बात यह रही कि मुख्यमंत्री का यह कार्यक्रम इस बात के लिए याद किया जाएगा कि उन्होंने बाराबंकी को स्टेट कैपिटल रीजन के रूप में सर्वाधिक लाभ देने की घोषणा करते हुए इसे राजधानी लखनऊ और अयोध्या के समान विकसित करने का वचन भी दिया है।
जनता को भरोसा है कि यह न सिर्फ उत्तर प्रदेश के राजनीतिक नेतृत्व का वचन है, बल्कि गोरक्ष पीठाधीश्वर के रूप में भी एक संत की वाणी है, जो सत्य होकर रहेगी।