राज्यसभा सांसद कपिल सिब्बल को सुप्रीम कोर्ट से कोई ‘उम्मीद’ नजर नहीं आती। हाल ही में एक कार्यक्रम के दौरान उन्होंने यह बात कही है। उन्होंने गुजरात दंगों को लेकर तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को क्लीन चिट से लेकर प्रवर्तन निदेशालय के शक्तियों तक का जिक्र किया। समाजवादी पार्टी से राज्यसभा पहुंचे सांसद और सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल सुप्रीम कोर्ट पर विवादित टिप्पणी देकर खुद घिर गए हैं।
दिल्ली में आयोजित एक कार्यक्रम में सिब्बल ने कहा, ‘अगर आपको लगता है कि आपको सुप्रीम कोर्ट से राहत मिलेगी, तो आप बड़ी गलती कर रहे हैं। मैं यह सुप्रीम कोर्ट में 50 साल प्रैक्टिस करने के बाद कह रहा हूं। इस साल मैं सुप्रीम कोर्ट में प्रैक्टिस के 50 साल पूरे कर लूंगा और 50 सालों के बाद मुझे लगता है कि संस्थान से मुझे कोई उम्मीद नहीं है।
उनके इस बयान पर ऑल इंडिया बार एसोसिएशन की प्रतिक्रिया सामने आई है। ऑल इंडिया बार एसोसिएशन ने पूर्व केंद्रीय कानून एवं न्याय मंत्री कपिल सिब्बल के उस बयान को ‘अवमाननापूर्ण’ करार दिया है।
ऑल इंडिया बार एसोसिएशन के अध्यक्ष आदिश अग्रवाल ने कहा कि यह टिप्पणी अवमाननापूर्ण है और कपिल सिब्बल की ओर से आ रही है जो सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष भी रह चुके हैं। यह और भी ज्यादा दुर्भाग्यपूर्ण है। न्यायाधीशों और निर्णयों को सिर्फ इसलिए खारिज करना उनके लिए उचित नहीं है,अगर कपिल सिब्बल की पसंद का फैसला नहीं दिया गया है, तो इसका मतलब यह नहीं है कि न्यायिक प्रणाली विफल हो गई है।
ब्यूरो रिपोर्ट ‘द इंडियन ओपिनियन’