सुप्रीम कोर्ट ने देश में धर्म परिवर्तन के मामलों पर चिंता जाहिर की है और इसे गंभीर मुद्दा बताया है। कोर्ट ने इस मामले को राजनैतिक रंग ना देने की बात कही है।
सुप्रीम कोर्ट मानता है कि धर्म परिवर्तन एक गंभीर मुद्दा है और इसे राजनैतिक रंग नहीं दिया जाना चाहिए। दरअसल सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दाखिल की गई है, जिसमें लालच देकर और जबरन धर्मांतरण के खिलाफ सख्त कदम उठाने की मांग की गई है। इस याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में अटॉर्नी जनरल आर वेंकटरमानी से जवाब मांगा है। याचिका में मांग की गई है कि डरा-धमकाकर, लालच देकर या फिर कई तरह के फायदे देकर धर्म परिवर्तन कराने पर रोक लगनी चाहिए।
जस्टिस एमआर शाह और जस्टिस सीटी रविकुमार की बेंच ने अटॉर्नी जनरल आर वेंकटरमानी से कहा कि हम चाहते हैं कि अगर बलपूर्वक या फिर लालच से धर्म परिवर्तन हो रहे हैं तो इसका पता लगाया जाए और अगर ऐसा हो रहा है तो हमें क्या करना चाहिए? और इसमें सुधार के लिए क्या किया जाना चाहिए। इस मामले में केंद्र मदद करे।
याचिका में कहा गया है कि जबरन धर्मांतरण पूरे देश की समस्या है और तुरंत इस पर ध्यान देने की जरूरत है। याचिका में न्याय आयोग से भी एक रिपोर्ट और विधेयक तैयार कराने की मांग की है जिसमें डरा-धमकाकर या फिर लालच देकर धर्म परिवर्तन की घटनाओं पर नियंत्रण किया जा सके। अब सुप्रीम कोर्ट इस मामले पर आगामी 7 फरवरी को सुनवाई करेगा।