मुलायम-अखिलेश से लेकर मोदी-योगी भी थे मुरीद, ऐसा था महंत नरेंद्र गिरि का व्यक्तित्व!

प्रयागराज: देश के प्रतिष्ठित संत और सारा सनातन धर्म के बड़े विद्वान के रूप में माननीय अखाड़ा परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि के आकस्मिक निधन से देश के राजनीतिक जगत में भी शोक की लहर दौड़ गई है।

स्वामी नरेंद्र गिरी का व्यक्तित्व ऐसा था कि उन्हें पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव पूर्व मुख्यमंत्री मायावती और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी बहुत सम्मान देते थे।

हिंदुओं को संगठित करने में अपनी बड़ी भूमिका निभाने वाले स्वामी नरेंद्र मोदी ने समाज की कमियों को स्वीकार करते हुए जातीय विषमताओं के खिलाफ अभियान चलाया उन्होंने कहा कि सनातन धर्म में एक षड्यंत्र के तहत जातिवाद को फैलाया गया जबकि वास्तव में सनातन धर्म में जातियों का कोई स्थान नहीं है जन्म से सभी समान हैं और कोई भी व्यक्ति अपने कर्म व्यवहार और योग्यता से किसी भी जाति में शामिल हो सकता है कोई भी कार्य कर सकता है पुजारी और ब्राह्मण भी बन सकता है। स्वामी नरेंद्र गिरी कि इन्हीं विशेषताओं के चलते उन्हें सभी वर्गों के लोगों का प्रेम और सम्मान मिलता था पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव उनका बहुत सम्मान करते थे और जब भी प्रयागराज आते थे तो स्वामी नरेंद्र गिरी से मुलाकात करने जरूर जाते थे 2004 में मुलायम सिंह यादव मुख्यमंत्री रहते हुए प्रयागराज गए थे और उन्होंने स्वामी नरेंद्र गिरी से मुलाकात की हनुमान मंदिर में पूजा अर्चना की और अल्लापुर स्थित बाघमबारी गद्दी जाकर स्वामी नरेंद्र गिरी के आश्रम में उनके साथ ही भोजन ग्रहण किया था।

पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव भी अक्सर स्वामी नरेंद्र गिरी का आशीर्वाद लेने जाते थे स्वामी नरेंद्र गिरी ने कई बार अखिलेश यादव को प्रयागराज संगम तट पर स्थित लेटे हुए हनुमान मंदिर में पूजा करवाई, और स्वामी नरेंद्र गिरी के साथ अपनी तस्वीरें सोशल मीडिया पर अखिलेश बहुत खुशी से शेयर करते थे।

उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम केशव मौर्य ने तो 2 दिन पहले ही स्वामी नरेंद्र गिरी का आशीर्वाद लिया था मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मुख्य मंत्री बनने के पहले से ही स्वामी नरेंद्र गिरी के निकट सहयोगी रहे वह भी उनका बहुत सम्मान करते थे और अक्सर प्रयागराज जाकर उनसे मुलाकात करते थे ।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी स्वामी नरेंद्र गिरी का बहुत सम्मान करते थे और स्वामी नरेंद्र गिरी से कुंभ के प्रारंभ के दौरान उन्होंने आशीर्वाद भी ग्रहण किया था दरअसल स्वामी नरेंद्र गिरी का व्यक्तित्व ही ऐसा था कि हर विचारधारा से जुड़े लोग उनका सम्मान करते थे उन्होंने सनातन धर्म की विराट परिभाषा को समाज के सामने रखा जो विश्व के कल्याण की कामना करती है जो प्राणियों में सद्भावना की बात करती है।

स्वामी नरेंद्र गिरी अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रहते हुए संत समाज में अनुशासन और प्रतिष्ठा को लेकर चिंतित रहते थे इसीलिए उन्होंने 1 दर्जन से अधिक ऐसे भ्रष्ट तथाकथित संतों के खिलाफ अभियान चलाया जिन्होंने अपने गलत कार्यों से समाज को दुख पहुंचाया और धर्म की प्रतिष्ठा को धूमिल करने का प्रयास किया धर्म की आड़ में गलत काम करने वाले कथित साधु-संत नरेंद्र गिरी से बहुत परेशान रहा करते थे क्योंकि नरेंद्र गिरी ऐसे बहुत से संतो को प्रतिबंधित कर चुके थे जिनके बारे में गलत बातें सामने आई ।

वह अनुसूचित जाति और पिछड़े वर्गों के बच्चों को धार्मिक शिक्षा देने का अभियान भी चला रहे थे उन्होंने बहुत से दलित और पिछड़ों को पुजारी और संत भी बनाया स्वामी नरेंद्र गिरी के बड़े व्यक्तित्व और समावेशी विचारधारा के चलते ही सभी वर्गों और पार्टियों के नेता उनका सम्मान करते थे और आज उनकी मौत पर सभी शोक व्यक्त कर रहे हैं।

द इंडियन ओपिनियन

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