
प्रयागराज अखाड़ा परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष स्वामी नरेंद्र ईद की मौत ने पूरे देश में मौजूद सनातन धर्म अनुयायियों को दुखी कर दिया है स्वामी नरेंद्र गिरी ने हिंदू धर्म मैं तमाम विवादित विषयों को लेकर अभियान चला रखा था जातिवाद को खत्म करने के साथ-साथ वाह नकली बाबाओं भ्रष्ट भ्रष्ट संतो और नकली शंकराचार्य के खिलाफ भी मुहिम चला रहे थे उन्होंने प्रयागराज कुंभ से पहले फर्जी बाबाओं की सूची जारी की थी जिसमें देशभर में सक्रिय 19 तथाकथित संतों के नाम थे जिसमें कई ऐसे साधु-संतों थे जिन का आपराधिक रिकॉर्ड था और जो सनातन धर्म के अनुरूप आचरण नहीं कर रहे थे स्वामी नरेंद्र गिरी ने ऐसे 19 नकली कथित साधु संतों को सनातन धर्म के सभी कार्यक्रमों में प्रतिबंधित कर दिया था।
इस बात को लेकर उन्हें धमकी भी मिली थी और स्वामी नरेंद्र गिरी ने अपनी जान का खतरा भी बताया था उनकी संदिग्ध मौत के बाद यह मामला एक बार फिर सुर्खियों में है। जिन लोगों कि उन्होंने आलोचना की थी उनमें राधे मां बाबा राम रहीम आसाराम वीरेंद्र देव दीक्षित कालनेमि सच्चिदानंद सरस्वती और महिला संत परी अखाड़ा की स्वयंभू शंकराचार्य त्रिकाल भगवंता और आपराधिक मुकदमों के आरोपी नित्यानंद भी शामिल हैं ।
स्वामी नरेंद्र गिरी लगातार इस बात के लिए प्रयासरत थे कि सनातन धर्म को परिष्कृत करना चाहिए और साधु संन्यासियों का चरित्र आचरण पवित्र होना चाहिए मानवता समभाव में यकीन करने वाले स्वामी नरेंद्र गिरी के इस प्रकार स्वर्गवासी हो जाने से देश धर्म को बड़ा आघात लगा है।
द इंडियन ओपिनियन