राजस्थान भी MP की राह, नाराज डिप्टी सीएम सचिन पायलट 23 MLA के साथ भाजपा के संपर्क में!

रिपोर्ट – देवव्रत शर्मा,

कांग्रेस के दिग्गज नेता रहे राजेश पायलट के बेटे सचिन पायलट को कांग्रेस नेतृत्व ने राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के साथ बेहतर तालमेल के लिए उन्हें उपमुख्यमंत्री का पद सौंपा था। लेकिन शुरुआत से ही दोनों के बीच मतभेद बने हुए हैं सचिन पायलट को इस बात को लेकर नाराजगी है कि अशोक गहलोत राज्य सरकार के बड़े फैसलों में उनकी यानी डिप्टी सीएम की राय बिल्कुल नहीं लेते और उन्हें उपेक्षित किया जा रहा है।

उन्हें सरकार में किनारे कर दिया गया है उनकी और उनके लोगों की सुनवाई नहीं हो रही इसी बात को लेकर सचिन पायलट अशोक गहलोत से नाराज हैं और अब यह नाराजगी जगजाहिर हो गई है यह नाराजगी राजस्थान की कांग्रेस सरकार के खिलाफ बगावत की दहलीज पर पहुंच गई।

दरअसल इस मामले में अशोक गहलोत ने भी कुछ गलत फैसले लेकर अपनी सरकार को खुद ही मुश्किल में डाल दिया। पिछले दिनों राज्य में कांग्रेस की सरकार गिराने को लेकर उन्होंने अपने लोगों से पुलिस में एक शिकायत दर्ज करवा दी। पुलिस में शिकायत देकर यह कहा गया कि कांग्रेस के विधायकों को खरीदने की कोशिश की जा रही है और इस बात की पुलिस को जांच करनी चाहिए।

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की इच्छा को देखते हुए राजस्थान पुलिस ने इस मामले में एफ आई आर दर्ज कर ली और बात सिर्फ एफआईआर तक नहीं हुई,  मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के इशारे पर उनकी सरकार के उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट को भी राजस्थान पुलिस के स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप में इस मामले में आरोपी बना दिया और बयान दर्ज कराने का नोटिस दे दिया है।

डिप्टी सीएम होते हुए अपनी ही सरकार की पुलिस के द्वारा आपराधिक कार्रवाई का नोटिस दिए जाने के बाद  सचिन पायलट और भड़क गए हैं, उनके समर्थक कई विधायकों को भी राजस्थान पुलिस ने नोटिस दे दिया है।

जिसके बाद 23 विधायकों के साथ मुख्यमंत्री सचिन पायलट दिल्ली पहुंच गए हैं। बताया जा रहा है कि विधायकों को गुरुग्राम के एक आलीशान होटल में रुकवाया गया है वही सचिन पायलट खुद कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात कर रहे हैं और उनसे मिलकर उन्होंने राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की शिकायत की है इतना ही नहीं सूत्रों नहीं अभी जानकारी दी है कि सचिन पायलट भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा और गृह मंत्री अमित शाह के भी संपर्क में हैं और जल्द ही अपनी पूरी टीम के साथ बीजेपी में भी शामिल हो सकते हैं।

उन्होंने कांग्रेस नेतृत्व को इस बात के संकेत भी दिए हैं की अशोक गहलोत के साथ उनका तालमेल नहीं बन पा रहा और वह अलग पार्टी बनाने का फैसला भी कर सकते हैं लेकिन सूत्रों का दावा है कि अलग पार्टी बनाने की बजाय सचिन पायलट भाजपा में शामिल होकर एक मजबूत टीम का हिस्सा बनना ज्यादा बेहतर समझेंगे।

सचिन पायलट और कांग्रेस के असंतुष्ट विधायकों के साथ मिलकर भाजपा राजस्थान की कांग्रेस सरकार को विश्वास मत की चुनौती दे सकती है जिसके बाद राजस्थान में भी मध्य प्रदेश जैसा तख्तापलट हो जाना कोई बड़ी बात नहीं होगी।

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