चर्चित चैनल सुदर्शन टीवी द्वारा दिखाए जा रहे विशेष कार्यक्रम पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी है l दरअसल कुछ मुस्लिम संगठनों ने सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी कि सुदर्शन टीवी के द्वारा “यूपीएससी जिहाद” नाम का एक कार्यक्रम दिखाया जा रहा है और इस कार्यक्रम में यह आरोप लगाया जा रहा है कि अखिल भारतीय प्रशासनिक सेवा आईएएस में मुसलमानों को एक षड्यंत्र के तहत अधिक संख्या में भर्ती करवाया जा रहा है इसके लिए एक बड़ा रैकेट काम कर रहा है न सिर्फ उन्हें फ्री में कोचिंग और प्रशिक्षण उपलब्ध कराया जा रहा है बल्कि उन्हें पक्षपातपूर्ण तरीके से अधिक अवसर और सुविधाएं भी मुहैया कराई जा रही हैं।
इस मामले में यूपीएससी जिहाद कार्यक्रम के कुछ क्लिपिंग भी सुप्रीम कोर्ट को दिखाए गए जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने आपत्ति जाहिर की और यह आदेश दिया कि प्रथम दृष्टया यह स्पष्ट होता है कि इस कार्यक्रम से देश के मुस्लिम समाज के खिलाफ नफरत फैल सकती है और उन्हें गलत तरीके से पेश किया जा रहा है इसलिए इस कार्यक्रम पर रोक लगाई जाती है।
गौरतलब है कि सुदर्शन टीवी के चीफ एडिटर सुरेश चौहानके ने इस कार्यक्रम के जरिए यह मुद्दा उठाया और आरोप लगाया की कुछ मुस्लिम संगठन सरकारी नौकरियों में ज्यादा से ज्यादा कट्टरपंथी मुसलमानों की भर्ती करवाने का अभियान चला रहे हैं खासतौर पर यूपीएससी का मामला उन्होंने उठाया और यह आरोप लगाया कि यूपीएससी में कथित जिहाद के जरिए बड़ी संख्या में मुसलमान अधिकारी सिलेक्ट करवाए जा रहे हैं इसके पीछे संगठित रैकेट काम कर रहा है सरकार और यूपीएससी से जुड़े कुछ अधिकारी भी इसमें शामिल है।
सुदर्शन चैनल का यह मानना है कि देश की सबसे ताकतवर और संवेदनशील सरकारी सेवाओं में इस प्रकार से “एक वर्ग” की संख्या बढ़ने से भविष्य में देश के लिए बड़ी समस्याएं हो सकती हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने सुदर्शन टीवी के तर्क को गलत मानते हुए कार्यक्रम पर फिलहाल रोक लगा दी है।
सुप्रीम कोर्ट में तीन जजों की बेंच ने यह निर्धारित किया कि इस प्रकार के कार्यक्रम से देश में अव्यवस्था और अराजकता फैल सकती है और यूपीएससी जैसी जिम्मेदार संस्था की छवि भी खराब हो रही है।
उन्होंने कहा कि देश के सभी नागरिकों को सरकारी सेवाओं के लिए प्रयास करने का अधिकार है। कार्यक्रम के आने वाले सभी एपिसोड पर फिलहाल रोक लगा दी गई है मामले की सुनवाई आगे भी जारी रहेगी।