पहले हाई कोर्ट जज भी अतीक से घबराते थे अब न्यायिक मजिस्ट्रेट ने बेटे को भेजा जेल-

अगर किसी राज्य में मुख्यमंत्री और पुलिस प्रशासन के अधिकारी इमानदारी से अपना फर्ज निभाएं तो घोर कलयुग में भी वहां रामराज्य कायम हो सकता है।।

उत्तर प्रदेश में कभी माफिया डॉन अतीक अहमद का ऐसा असर था कि हाई कोर्ट के 10 जजों ने उनके मामले की सुनवाई से खुद को अलग कर लिया था उसी उत्तर प्रदेश में अतीक अहमद के बेटे अली अहमद को गुंडागर्दी के आरोप में न्यायिक मजिस्ट्रेट की कोर्ट में सरेंडर करना पड़ा और नैनी सेंट्रल जेल में बंद कर दिया गया।

प्रयागराज

सपा बसपा और कांग्रेस की सरकारों में अतीक अहमद के खिलाफ कार्रवाई करने से आईएएस आईपीएस अधिकारी भी डरते थे इलाहाबाद के पुराने लोग आज भी कहते हैं कि जब राजीव गांधी प्रधानमंत्री थे तब इलाहाबाद के बड़े कांग्रेसी नेता पीएमओ से अतीक अहमद की सिफारिश करवा देते थे और उत्तर प्रदेश में सरकार चलाने वाले सभी मुख्यमंत्री इस बात का ख्याल रखते थे की मऊ गाजीपुर में मुख्तार अंसारी का असर कायम रहे और इलाहाबाद के आसपास अतीक अहमद से आंख मिलाने की कोई हिम्मत न कर पाए।

तीन दशकों तक बेरोकटोक सत्ता संरक्षण के दम पर अतीक अहमद गैंग ने अरबों का साम्राज्य खड़ा कर लिया ज्यादातर विरोधियों का सफाया हो गया और अब उनके दोनों बेटों की पहचान भी अपराध की दुनिया के बड़े किरदार के रूप में बनती जा रही है।

गौरतलब है कि अतीक अहमद के छोटे बेटे अली अहमद उर्फ अली अतीक के खिलाफ उसके रिश्तेदार मोहम्मद जीशान ने ही 31 दिसंबर 2021 को करेली थाने में 5 करोड़ की रंगदारी मांगने मारपीट करने और गाली गलौज करने का मुकदमा दर्ज कराया था। अली अहमद पर आरोप उसने जीशान से मारपीट की और जबरन उसे गुजरात के अहमदाबाद के साबरमती जेल में बंद अपने पिता से फोन पर बात कराई थी । आरोप है कि बाहुबली अतीक अहमद ने जीशान से उसकी जमीन अपनी बीवी के नाम करने के लिए धमकाया था। इस मामले में जीशान की ओर से 31 दिसंबर 2021 को करेली थाने में मुकदमा दर्ज किया गया था। मुकदमा दर्ज होने के बाद से ही अली अहमद उर्फ अली अतीक फरार चल रहा था। जिसके ऊपर आईजी प्रयागराज रेंज ने 50 हजार का इनाम घोषित किया हुआ था। अली अहमद की अग्रिम जमानत अर्जी भी इलाहाबाद हाईकोर्ट ने खारिज कर दी थी। जिसके बाद उसके वकीलों ने सुप्रीम कोर्ट में अग्रिम जमानत अर्जी लगाई थी।

लेकिन यह अर्जी 15 जुलाई को अतीक अहमद के वकीलों ने वापस ले ली थी। हालांकि इस मामले में अली अहमद उर्फ अली अतीक की गिरफ्तारी के लिए यूपीएसटीएफ लगी हुई थी। यूपीएसटीएफ ने 21 जुलाई को ममता बनर्जी के बंगाल में छापेमारी की थी। लेकिन इसके पहले ही अली अहमद और उसका भाई मोहम्मद उमर वहां से फरार हो गए थे। अली अहमद के बड़े भाई मोहम्मद उमर पर भी सीबीआई ने 2 लाख का इनाम घोषित किया हुआ है।
वह भी फरार चल रहा है।

उस पर अतीक अहमद के बिजनेस पार्टनर कारोबारी मोहित जायसवाल को लखनऊ से अगवा कर देवरिया जेल ले जाने और पीटवाने का आरोप है। इस मामले में लखनऊ कृष्णा नगर थाने में मुकदमा दर्ज है।
मामले की जांच सीबीआई को सौंपी गई थी। अदालत ने फिलहाल 14 दिन की न्यायिक हिरासत प के बेटे को नैनी सेंट्रल जेल भेज दिया है। उनकी जमानत याचिका पर आगे सुनवाई की जाएगी।

भारत जैसे देश में जहां सभी को बिना भेदभाव आगे बढ़ने का और अपने सपनों को हासिल करने का मौका मिलता है वहीं कुछ लोग ऐसे सपने देखने लगते हैं जिससे दूसरों की जिंदगी मुश्किल हो जाती है ऐसे में कानून व्यवस्था संभालने वाले जिम्मेदार लोगों का यह फर्ज है कि वह पूरी ईमानदारी से देश और प्रदेश को सुरक्षा और तरक्की के रास्ते पर ले जाएं जिससे माफिया और अपराधियों को पनपने का मौका ही ना मिले ।

मनीष वर्मा प्रयागराज
दा इंडियन ओपिनियन

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