उत्तर प्रदेश में 108 और 102 एंबुलेंस कर्मियों की हड़ताल का आज चौथा दिन है। हड़ताल वापस न लेने पर एंबुलेंस संचालन करने वाली कंपनी जीवीके ईएमआरआई ने बुधवार को 570 कर्मियों को बर्खास्त कर दिया है। इस पर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने यूपी सरकार पर निशाना साधा है। प्रियंका ने कहा, पहले तो सरकार इन पर फूल बरसाने की बात करती थी, अब सरकार कार्रवाई पर उतर आई है। ऐसी सरकार से भगवान बचाए।
दरअसल, प्रदेश सरकार ने हड़ताल कर रहे कर्मियों पर एस्मा लगाने की चेतावनी दी थी, लेकिन कर्मचारी अपनी मांग पर अड़े हुए हैं। इस पर एंबुलेंस संचालन करने वाली कंपनी जीवीके ईएमआरआई ने 570 कर्मियों को टर्मिनेट कर दिया। इससे कर्मियों में सरकार के खिलाफ नाराजगी बढ़ गई है। गुरुवार को कर्मचारी महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष हनुमान पांडेय ने कहा है कि यदि आज शाम तक उनकी 6 सूत्रीय मांगें पूरी नहीं होती हैं तो अब लड़ाई आर-पार की होगी। सभी जिलों से कर्मचारी लखनऊ कूच करेंगे। फिलहाल दो से तीन हजार कर्मियों के लखनऊ स्थित इको गार्डन धरना स्थल पर पहुंचने का दावा किया गया है।
कर्मियों की प्रदेश व्यापी हड़ताल मरीजों की आफत बन कर आई है। एंबुलेंस न मिलने से उन्नाव में महिला की मौत के बाद राजधानी के ऐशबाग निवासी 15 वर्षीय नेहा का अचानक पेट दर्द होना शुरू हुआ। परिजनों के मुताबिक एंबुलेंस के लिए 108 नम्बर पर कॉल की। कॉल उठाने वाले कर्मचारी ने जल्द एंबुलेंस मुहैया कराने की बात कही पर आधे घंटे इंतजार करने के बाद भी नहीं पहुंची। इसके बाद परिजन निजी एंबुलेंस से किशोरी को लेकर सिविल अस्पताल के लिए निकले।
प्राइवेट एंबुलेंस में ऑक्सीजन की व्यवस्था नहीं थी। सिविल अस्पताल पहुंचने के बाद किशोरी का इमरजेंसी के डॉक्टरों ने ईसीजी जांच की, जिसके बाद उसे मृत घोषित कर दिया।
लखनऊ सीएमओ डॉ. मनोज अग्रवाल ने बताया कि उन्हें ऐसी कोई शिकायत नहीं मिली है पर अपने स्तर से घटना की जानकारी का प्रयास किया जा रहा है। साथ ही वह यह भी दावा कर रहे कि लखनऊ जनपद में फिलहाल 54 एंबुलेंस संचालित हैं और गुरुवार शाम तक हर हाल में लखनऊ कोटे की सभी 78 एंबुलेंस तैनात कर दी जाएंगी।
बुधवार को जीवीके कंपनी के सीनियर वाइस प्रेसीडेंट व यूपी प्रभारी टीवीएसके रेड्डी ने बयान जारी कर कहा, उनकी कंपनी लोगों की जिदंगी बचाने के लिए जाना जाती है। जिंदगी बचाने वाली एंबुलेंस सेवाएं कोई भी बाधित करने का प्रयास करेगा तो किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
उन्होंने दावा किया कि एएलएस कर्मचारियों की सभी मांगों को पूरा किया जा चुका है, फिर भी यदि किसी के बहकावे में आकर कर्मचारी हड़ताल पर है और सेवाएं बाधित करने पर उतारु हैं तो उनके खिलाफ एक्शन भी लिया जा रहा है।
करीब 570 कर्मचारियों को बर्खास्त किया जा चुका है। आगे भी कोई सेवाएं बाधित करने का प्रयास करता है तो उसके खिलाफ भी कार्यवाही की जाएगी। साथ ही यह भी दावा किया कि ज्यादातर कर्मचारी अपनी ड्यूटी वापस ज्वाइन कर चुके हैं। गुरुवार तक जो कर्मचारी ज्वाइन कर लेंगे उन्हें ड्यूटी दी जाएगी जो लोग टर्मिनेट हो चुके हैं उन्हें ड्यूटी नहीं मिलेगी। ज्यादातर जिलों में सेवाएं पूर्ण रूप से बहाल हो चुकी हैं। बाकी जगहों पर प्रशासन की मदद से सेवाओं का संचालन करने का प्रयास किया जा रहा है।
उत्तर प्रदेश में निजी कंपनी द्वारा तीन तरह की एंबुलेंस सेवा संचालित हैं। इसमें 108 इमरजेंसी एंबुलेंस सेवा के 2200 वाहन हैं। इससे रोज औसतन दस हजार मरीज अस्पताल शिफ्ट किए जाते हैं।वहीं गर्भवती, प्रसूता, नवजात को अस्पताल पहुंचाने के लिए 102 एंबुलेंस सेवा निर्धारित है। इसके राज्यभर में 2270 वाहन संचालित हैं। इस एंबुलेंस से रोज औसतन 15 हजार मरीज जाते हैं।गंभीर मरीजों के लिए वेंटिलेटर युक्त एंबुलेंस 75 जनपदों में 250 तैनात की गई थी। इससे 500 के करीब मरीजों की मदद की जाती रही। इन सभी एंबुलेंस के संचालन की बागडोर निजी कंपनी के हाथों में है। हर रोज मरीज कॉल सेंटर फोन कर रहे हैं।वहीं, सैकड़ों मरीजों को सुविधा नहीं मिली। ऐसे में परिवारीजन निजी एंबुलेंस से मरीज को लेकर अस्पताल पहुंचते हैं। हड़ताल के कारण प्रदेश भर में मरीजों को एंबुलेंस न मिलने के कारण अस्पताल पहुंचने में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
रिपोर्ट – आर डी अवस्थी