लॉकडाउन की वजह से कंपनियों को पैकेज्ड स्नैक्स के मामले में 5000-5500 करोड़ रुपये की बिक्री का नुकसान हुआ है।
देश में एक तरफ दाल से लेकर खाने वाले तेल के भाव आसमान छू रहे हैं। इस बीच बेवरेजेस और स्नैक कैटेगरी में भारी गिरावट देखने को मिल रही है। पिछले क्वॉटर में यानी जनवरी से मार्च के बीच इस कैटेगरी में अच्छी रिकवरी देखने को मिली है। कोरोना की दूसरी लहर से पहले बेवरेजेस और स्नैक की कंपनियों ने अपने स्टॉक फूल कर लिए थे। अब इन चीजों पर 30-70 फीसदी तक की छूट मिल रही है।
ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स जैसे बिगबास्केट, जियोमार्ट, अमेजन, ग्रोफर्स पर एयरेटेड ड्रिंक्स जूस और दूसरे कोल्ड ड्रिंक्स चिप्स और अन्य स्नैक्स पर 30-70 प्रतिशत तक की छूट मिल रही है। ब्रिज कैटेगरी में कुरकुरे और बिंगो के आते हैं।
हालांकि कंपनियों को कोरोना की दूसरी लहर की वजह भारी नुकसान उठाना पड़ा है। लॉकडाउन की वजह से पैकेज्ड स्नैक्स के मामले में 5000-5500 करोड़ रुपये की बिक्री का नुकसान हुआ है।वहीं बेवरेज के मामले में 12000-13000 करोड़ रुपये का घाटा लगा है।
एसी व फ्रिज के मामले में तो सबसे अधिक 10000 करोड़ रुपये की बिक्री को नुकसान पहुंचा है। कंपनियों का कहना है। कि दिए जा रहे डिस्काउंट तब तक रहेंगे। जब तक कि पुराना स्टॉक समाप्त नहीं हो जाता।
अमूल चॉकलेट और आइसक्रीम बनाने वाली एक कंपनी के मालिक ने कहा कि लॉकडाउन की वजह से हमने इस गर्मी के सीजन को गंवा दिया है। अब मॉनसून से पहले छूट देकर नुकसान की भरपाई करने की कोशिश है।स्नैक्स और बेवरेजेस की शेल्फ लाइफ कम होती। इसलिए इन्हें जल्द से जल्द बेचने की कोशिश की जा रही है।