
उत्तर प्रदेश किसान सभा के नेतृत्व में ताखा क्षेत्र के सुतियानी मोड़ पर किसान महापंचायत का आयोजन किया गया।
आयोजन में मुख्य वक्ता सीपीएनपी की पूर्व सांसद कामरेट सुभाषिनी अली ने किसानों को सम्बोधित करते हुए कहा कि यह कृषि कानून नही बल्कि जीवन मरण की लड़ाई है। तीनो कृषि कानून विनाशकारी कानून हैं जिन्हें किसानों को बिना चर्चा तथा बिना बताए लागू करने पर अड़ी सरकार पूरे देश की दौलत पर मात्र चार लोगों का कब्जा कराने में जुटी है।
किसानों को शादी बीमारी पढ़ाई कर्जा आदि पर खर्च उठाने के लिए फसल तैयार होने पर पैसों की बहुत जरूरत होती है वह पास की मंडी में जल्द बिक्री करके पैसों को लेता है ना कि वह बाहर अपनी फसल बेचने जाएगा। किसानों को कर्जा माफी नहीं चाहिए बल्कि फसल में लागत का डेड गुना पैसे का फसल का भाव चाहिए।

भाजपा ने सत्ता में आने से पूर्व किसानों की आमदनी दोगुना करने का वादा किया था किसानों ने सरकार बनवाई लेकिन क्या आमदनी दोगुनी हुई बदले में किसानों ने आवाज दी नहीं हुई।
आज किसानों की हालत बद से बदतर होती जा रही है किसान मजदूरी करने बाहर जाने लगा है। उन्होंने पंजाब के किसानों का जिक्र करते हुए कहा कि वे जल्द आंदोलन पर इसलिए आ गए वे पहले समझौता खेती कर चुके हैं आलू व टमाटर का खामियाजा पहले ही भुगत चुके हैं।

जमाखोरी को छूट दी जा रही है जिससे जमाखोर मन मुताबिक भाव पर अपना भंडारण बेचेगा जिससे लोगों को परेशानी होगी।
मौके पर किसान सभा के प्रदेश महामंत्री कामरेड मुकुट सिंह ने कहा कि कानून काले ही काले हैं अगर आज विरोध ना किया गया तो आने वाली पीढ़ियों कभी भी माफ नही करेंगीं।
कामरेड अनिल दीक्षित ने कहा कि आखिर किसानो के लिए बिल बनाया किसान नही चाहते तो लागू करने की जिद क्या है बिल को पीछे के दरवाजे से क्यों लाया गया।

कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए नाथूराम ने कहा कि तहसील ताखा का प्रशासन किसानों की बात सुनता नही है। तथा कहा कि बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे को ताखा के लोगों ने जमीन दी लेकिन ताखा के लोगों के लिए यहां कट नही दिया जा रहा है। आने वाले दिनों में यहां भी बैठकर आंदोलन करना पड़ेगा।
मौके पर राम किसान सभा के जिलाध्यक्ष प्रकाश गुप्ता विश्राम सिंह यादव वीरेंद्र सिंह जमादार सिंह सत्येंद्र कुमार राम नरेश धर्मेंद्र सिंह अरविंद यादव आदि लोगों ने सम्बोधित किया।
संवाददाता-विजयेन्द्र तिमोरी,