
हरदोई : केंद्र सरकार की अति महात्वाकांक्षी योजना ‘स्वच्छ भारत मिशन(नगरीय)’ के अंतर्गत नगर क्षेत्रों में निवास कर रहे ऐसे लोग जिनके पास एकल शौचालय नहीं है उनके लिए ‘खुले में शौचमुक्त’ के उद्देश्य से सामुदायिक शौचालय(कम्युनिटी टॉयलेट) की सौगात दी गई है।जिनमें महिलाओं व पुरूषों के लिए अलग अलग शौचालय बनाए गए हैं।साथ ही इनको प्रयोग करने में किसी प्रकार का शुल्क नहीं लगेगा।लाखों रुपए खर्च करके बनाए गए इन शौचालयों का यही उद्देश्य है कि लोगों को शौच के लिए इधरउधर ना भटकना पड़े।लेकिन नगर पंचायत कछौना-पतसेनी प्रशासन ने स्वच्छ भारत मिशन अभियान की जमकर धज्जियाँ उड़ाते हुए,खुले में शौचमुक्त के उद्देश्य को पलीता लगाते हुए सामुदायिक शौचालयों में ताला जड़ रखा है।जिससे लोगों को सामुदायिक शौचालय का लाभ नहीं मिल पा रहा है।और उन्हें खुले में शौच जाने को मजबूर होना पड़ता हैं।

ताजा मामला नगर पंचायत के वार्ड नंबर पांच ठाकुरगंज से जुड़ा हुआ है जहाँ वार्ड में स्थित पार्क में बने सामुदायिक शौचालय में हर वक्त ताला लटका रहता है।कहने को तो इस शौचालय का लोकार्पण जनप्रतिनिधियों की उपस्थिति में लगभग पांच माह पूर्व 15 अगस्त,2020 को यानी स्वतंत्रता दिवस के दिन कर दिया गया था लेकिन लोकार्पण के बाद भी सामुदायिक शौचालय स्वतंत्र नहीं हो सका और इसे तालों में कैद कर दिया गया।यहीं नहीं, इसके साथ ही स्टेशन से चौराहे के मुख्य मार्ग पर स्थित रतन मार्केट के सामने बने सामुदायिक शौचालय का भी यही हाल है।शौचालयों के खुलने का समय तो सुबह चार बजे से रात्रि दस बजे तक लिखा हुआ है लेकिन स्थानीय लोगों की मानें तो यह शौचालय उपयोग के लिए नहीं सिर्फ फोटो खिंचवाने के लिए बने हुए हैं इसीलिए ये कभी खुलते ही नहीं हैं।इन शौचालयों की देखरेख के लिए नगर पंचायत की ओर से तैनात स्टाफ(केयरटेकर) भी नदारद रहता है।
ठाकुरगंज वार्ड के निवासियों का आरोप है कि कई बार शिकायत के बाद भी उनकी कोई सुनवाई नहीं हो रही है।सामुदायिक शौचालय में ताला लगा होने के कारण उन्हें खुले में शौच जाने को मजबूर होना पड़ता है।वहीं कुछ महिलाओं ने बताया कि उन्हें रात में या बारिश के समय बाहर जाने में काफी दिक्कतों व शर्मिंदगी का सामना करना पड़ता है।इसी के साथ ठाकुरगंज वार्ड में दैनिक सफाई व्यवस्था की हालत भी काफी दयनीय है।

सफाईकर्मी सजग नहीं है और सफाई का काम देखने वाली फर्म ‘मलिक ट्रेडर्स’ व उसके ठेकेदार की घोर लापरवाही व शिथिलता के चलते वार्ड में कई जगह गंदगी के ढेर लगे हुए हैं जोकि दैनिक सफाई के दावे की पोल खोलने के लिए काफी हैं।सिर्फ कागजों पर ही सफाई हो रही है और फर्म को लाखों रुपए का भुगतान कर पैसा आपस में बंदरबांट किया जा रहा है।वार्ड में आबादी के बीच स्थित कूड़े के डंपिंग यार्ड से बाहर तक कूड़ा फैला रहता है जिससे फैली गंदगी व भयानक दुर्गंध से आसपास के लोगों का जीना दुश्वार हो रहा है।आसपास के कई लोग संक्रामक रोगों की चपेट में भी आ चुके हैं।

नगर पंचायत कछौना पतसेनी की कार्यशैली पर सवालिया निशान लगाते इन सभी बिंदुओं को देखते हुए यह कहना गलत ना होगा कि ओडीएफ व सफाई अभियान नगर में सिर्फ और सिर्फ कागजों पर ही सिमटकर रह गया है।
नगर पंचायत कछौना पतसेनी की ई.ओ. रेणुका यादव ने बीते महीने अधिशासी अधिकारी के रूप में कार्यभार ग्रहण करते समय ‘स्वच्छता को शीर्ष प्राथमिकता और उस पर विशेष ध्यान दिए जाने’ की बात कही थी।उपरोक्त दोनों प्रकरण के संदर्भ में जब उनसे वार्ता की गई तो उन्होंने कहा कि जल्द ही इन समस्याओं का समाधान किया जाएगा।सामुदायिक शौचालयों को तालों से आजाद कर समयानुसार खोला जाएगा जिससे स्थानीय लोग इसका
सुचारू रूप से प्रयोग कर सकें।साथ ही कूड़े के डंपिंग यार्ड को जल्द ही नगर से बाहर शिफ्ट कर दिया जाएगा।
रिपोर्ट – शिवहरि दीक्षित