बाराबंकी के दरियाबाद ब्लॉक प्रमुख की कुर्सी पर कब्जे के लिए लंबे समय से पूर्व मंत्री राजीव कुमार सिंह के खास चमन सिंह और प्रभावशाली नेता विवेकानंद पांडे के बीच खींचतान चल रही थी… समाजवादी पार्टी शासन के दौरान सत्ता बल के प्रयोग और अपने प्रभाव से राजा राजीव कुमार सिंह ने अपने खास शिष्य चमन सिंह को दरियाबाद का ब्लाक प्रमुख बनवा दिया था.. लेकिन bjp सरकार आने के बाद लगातार यह कयास लगाया जा रहा था कि दरियाबाद ब्लॉक प्रमुख की कुर्सी विवेकानंद पांडे के परिवार में शामिल हो जाएगी.. लेकिन स्थानीय विधायक सतीश शर्मा को यह डर सताने लगा कि विवेकानंद पांडे का परिवार सशक्त होकर कहीं भविष्य में विधायकी के उनके सफर में रोड़ा ना बन जाए ..और विवेकानंद पांडे खुद भविष्य में विधायकी के दावेदार ना बन जाए.. वहीं दूसरी तरफ चमन सिंह ने भी अपनी कुर्सी बचाने के लिए पलटी मारी और भाजपा विधायक सतीश शर्मा के साथ साथ स्थानीय सांसद लल्लू सिंह को भी अपने पक्ष में सेट कर लिया …बदली हुई परिस्थितियों में भी विवेकानंद पांडे का आत्मबल उनका सहारा बना ..और अपने छोटे भाई देवानंद को ब्लॉक प्रमुख बनाने के लिए उन्होंने चमन सिंह के राजनैतिक आका बने … अपनी ही पार्टी के सांसद लल्लू सिंह और अपनी पार्टी के विधायक सतीश शर्मा के कूटनीतिक दांव को विफल करते हुए ..ऐसा धोबी पाट दिया की भाई देवानंद को 4 वोटों चुनाव जितवा कर लंबे समय से मायूस चल रहे अपनी राजनीतिक समर्थकों के चेहरे पर मुस्कान लाने में सफलता हासिल की.. साथ ही अपने भविष्य की विधायकी की दावेदारी को भी मजबूत किया है..