उत्तर पुस्तिका पर किस प्रश्न के लिए कितना अंक दिया जाए। इसका निर्णय इस बार छात्रों ने खुद ही ले लिया है। बिहार बोर्ड के इंटर मूल्यांकन के दौरान सैकड़ों ऐसे उत्तर पुस्तिका प्राप्त हो रहे हैं जिसमें परीक्षकों का काम खुद परीक्षार्थी ने कर दिया है।
परीक्षार्थियों ने प्रश्नों का उत्तर भी लिखा और साथ में उत्तर के लिए अंक भी ले लिये। अब जब परीक्षक उत्तर पुस्तिका जांच रहे हैं तो ऐसे मामले सामने आ रहे हैं। ज्ञात हो कि बोर्ड ने इस बार हर उत्तर पुस्तिका के पहले पन्ने के ऊपर एक अवार्ड शीट दिया था। इस अवार्ड शीट का बीच वाला भाग परीक्षकों के लिए था। उत्तर पुस्तिका जांचने के दौरान परीक्षक को उनमें प्रश्न संख्या के अनुसार अंक भरने थे, लेकिन इसमें छात्रों ने ही अंक भर दिये।
ऐसी उत्तर पुस्तिका के अंकों को देने में भी कई दिक्कतें हो रही हैं। अगर परीक्षक उत्तर पुस्तिका जांचेंगे तो अंक में भी अंतर होगा, क्योंकि अवार्ड शीट छात्रों ने खुद भर लिये और मैनुअल में परीक्षक उन्हें अंक देंगे। दोनों में अंतर आएगा। इससे रिजल्ट पेंडिंग हो जायेगा।
उत्तर पुस्तिका की अवार्ड शीट पर परीक्षार्थियों द्वारा अंक लिये जाने का मामला सबसे पहले केंद्राधीक्षकों के संज्ञान में आया। इंटर के अधिकांश केंद्रों पर ऐसे उत्तर पुस्तिका प्राप्त हो रहे हैं। केंद्राधीक्षकों ने इसकी जानकारी बोर्ड को दी। अब बोर्ड ने ऐसे उत्तर पुस्तिकों की जांच नहीं करने का आदेश तमाम केंद्राधीक्षकों को दिया है। जिस भी केंद्र पर ऐसे उत्तर पुस्तिका प्राप्त होंगे, उसको सील बंद कर बोर्ड को वापस करना होगा।
बिहार बोर्ड अध्यक्ष आनंद किशोर ने कहा कि ऐसे मामले संज्ञान में आ रहे हैं। ऐसी उत्तर पुस्तिका को समिति ने मूल्यांकन केंद्र से मंगवाया है। परीक्षार्थी के परीक्षाफल के प्रकाशन के संबंध में समिति द्वारा निर्णय लिया जायेगा।