देखिए प्रयागराज से श्रद्धालुओं से बात करते हुए हमारे संवाददाता मनीष वर्मा की ये वीडियो रिपोर्ट ?????
ऋतुराज बसंत के आगमन और विद्या की देवी सरस्वती की उपासना का पर्व बसंत पंचमी आज देश भर में श्रद्धा और उल्लास के साथ मनाया जा रहा है। कुम्भ नगरी प्रयागराज के संगम में सरस्वती की धारा की मान्यता की वजह से खास तौर पर देश के कोने-कोने से स्नान करने के लिए श्रद्धालुओं प्रयागराज पहुच रहे है। बसंत पंचमी के मौके पर यहाँ करोड़ो लोग आस्था की डुबकी लगाई बंसत पंचमी के दिन आज ये अखाड़ो का तीसरा और अंतिम शाही स्नान भी है। नागा साधुओं को देख कर एहसास होता है कि शायद विश्व में सनातन संस्कृति ही एक ऐसी संस्कृति है जहां हजारों साल पुरानी अध्यात्मिक परंपराएं आज भी जीवित हैंl सनातन परंपरा के के रंग हमें एहसास दिलाते हैं मानव सभ्यता के प्रारंभिक विकास के उस काल खंड का जब अपनी धार्मिक परंपराओं के प्राकृतिक और मूल अधिकारों की रक्षा के लिए भोले भाले साधू सन्यासियों को नागा सेना का रूप धारण करना पड़ा इन नागा साधु में बड़ी संख्या में ऐसे लोग हैं जो उच्च शिक्षित हैं जो संपन्न परिवारों से हैं जिन्होंने अपने जीवन के बड़े समय को सामाजिक जीवन में जिया है ,लेकिन आज ..जिंदगी के बड़े हिस्से से नाता तोड़कर घर परिवार धन दौलत शान और शौकत से नाता तोड़कर इन लोगों ने ईश्वर से नाता जोड़ लिया है और धर्म सेवा के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया हैl इस बार भी कुंभ मेला में दो हजार से अधिक सामाजिक जीवन जीने वाले लोगों ने अपने परिवारों को और अपना सब कुछ त्याग कर अपने जीवन को सनातन धर्म की सेवा में समर्पित कर दिया l इनमें बड़ी संख्या विदेशियों की भी है जो भारतीय संस्कृति से प्रभावित होकर नागा जीवन शैली को ग्रहण कर चुके हैं l बसंत पंचमी के महापर्व पर नागा अखाड़ों के शाही स्नान के बाद देश दुनिया के बड़े बड़े साधु संतों ने स्नान किया और विदेशी भक्तों और संतों ने भी हर हर महादेव और हर हर गंगे का उद्घोष करते हुए त्रिवेणी संगम में स्नान करके मां सरस्वती का आशीर्वाद बसंत पंचमी के मौके पर लियाl
दूर दूर से आए लोगों ने इस बार कुंभ मेला क्षेत्र में साफ सफाई और बेहतर इंतजामों के लिए भाजपा सरकार की जमकर प्रशंसा भी कीl