यूपी पंचायत चुनाव में लागू होंगे नये नियम –
– राज्य निर्वाचन आयोग ने उत्तर प्रदेश सरकार को भेजा NOTA का प्रस्ताव
– उत्तर प्रदेश के पंचायत चुनावों में होगा नोटा का इस्तेमाल
– ग्राम प्रधान, बीडीसी और क्षेत्र पंचायत के चुनाव में नियम होगा लागू
लखनऊ- उत्तर प्रदेश के पंचायत चुनावों अब मतदाता नोटा (None of Above) का भी इस्तेमाल कर सकेंगे, 22 जनवरी को राज्य निर्वाचन आयोग ने प्रदेश सरकार को एक प्रस्ताव भेजा है, जिसमें पंचायत चुनावों में नोटा के इस्तेमाल करने की बात कही गई है। योगी सरकार अगर आयोग के इस प्रस्ताव पर मुहर लगा देती है को अगले साल (UP Panchayat Chunav 2020) प्रदेश में होने जा रहे त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव (ग्राम प्रधान, ग्राम पंचायत सदस्य, क्षेत्र पंचायत व जिला पंचायत सदस्य) में मतदाता उम्मीदवारों के न पसंद आने पर ‘नोटा’ (NOTA) का इस्तेमाल कर सकेंगे। शासन से जुड़े सूत्रों की मानें तो राज्य निर्वाचन आयोग के इस प्रस्ताव पर प्रदेश सरकार गम्भीरता से विचार कर रही है। उत्तर प्रदेश में 2017 के निकाय चुनाव में (नगर निगम, नगर पालिका और नगर पंचायत) में नोटा का इस्तेमाल हो चुका है। तब महापौर और पार्षद के चुनाव ईवीएम यानी इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन और नगर पालिका परिषद व नगर पंचायत के चुनाव मत्रपत्र (बैलेट पेपर) से करवाये गये थे। इनमें वोटर्स के लिए नोटा का विकल्प भी मौजूद था। राज्य निर्वाचन आयोग इसी तर्ज पर अगले साल होने वाले पंचायत चुनाव में भी प्रत्याशियों की सूची के आखिर में नोटा का निशान अंकित करने की तैयारी में हैं।
उत्तर प्रदेश के अलावा इस बार हरियाणा के पंचायत चुनाव (UP Panchayat Chunav 2020) में भी नोटा का इस्तेमाल का प्रावधान कर दिया गया है। हरियाणा के राज्य निर्वाचन आयोग के अपर निर्वाचन आयुक्त वेद प्रकाश वर्मा के मुताबिक, पंचायत चुनाव में मतदाताओं के पास नोटा का भी विकल्प मौजूद रहेगा। इतना ही नहीं अगर किसी पंचायत में नोटा को प्रत्याशियों से ज्यादा वोट मिलते हैं तो वहां का चुनाव निरस्त कर दिया जाएगा और इस बार के कोई भी प्रत्याशी अगली बार चुनाव में खड़े नहीं हो पाएंगे। यूपी राज्य निर्वाचन आयोग हरियाणा की तर्ज पर ही उत्तर प्रदेश में इस (NOTA) प्रावधान को लागू करवाना चाहता है।
*क्या है नोटा*
नोटा (NOTA) मतलब इनमें से कोई नहीं। नोटा उम्मीदवारों को खारिज करने का एक विकल्प देता है। मतलब अगर आपको कोई प्रत्याशी पसंद नहीं है तो आप नोटा के बटन पर क्लिक कर सकते हैं। मतगणना के दौरान नोटा के भी वोट गिने जाते हैं और इससे पता चल जाता है कि कितने लोगों ने प्रत्याशियों से इतर नोटा का इस्तेमाल किया। हाल ही में संपन्न हुए लोकसभा चुनाव में कई सीटों पर नोटा ने प्रत्याशियों की हार-जीत में बड़ी भूमिका निभाई। आपको बता दें कि भारत निर्वाचन आयोग ने 2013 में चुनाव के दौरान ईवीएम में नोटा (None of the above or NOTA) का विकल्प उपलब्ध कराने के निर्देश दिये थे। राज्य निर्वाचन आयोग अब पंचायत चुनाव (UP Panchayat Chunav 2020) में भी मतदाताओं के लिए नोटा का विकल्प उपलब्ध करना चाहता है।
रिपोर्ट – देवव्रत शर्मा