पसमांदा मुस्लिम महज के नेता वसीम राईन ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी करके बसपा सुप्रीमो मायावती पर मुसलमानों की अनदेखी करने का आरोप लगाया हैl
इसके अलावा उन्होंने सभी दलों पर मुसलमानों की हमदर्दी का नाटक करने का आरोप लगाया है l बाराबंकी स्थित अपने कार्यालय पर बैठक करके उन्होंने यह बयान जारी कियाl
दलित आरक्षण वाले अनुच्छेद 341(3) पर लगी धार्मिक पाबंदी को हटाने के लिये बहिनजी से बार-बार अनुरोध के बाद भी उन्होंने कभी इस मुद्दे पर कभी कोई आवाज नहीं उठाई लेकिन चुनाव करीब देखकर पता नहीं किन मुसलमानों के लिये आर्थिक आरक्षण की मांग करना शुरू कर दी हैं उक्त विचार ऑल इंडिया पसमांदा मुस्लिम महाज़ के प्रदेश अध्यक्ष वसीम राईन ने सट्टी बाज़ार स्थित महाज़ की बैठक को सम्बोधित करते हुए व्यक्त किये अपनी बात को आगे जारी रखते हुए उन्होंने कहा की
जबकि बहिनजी को बखूबी पता है कि कुल मुसलमानों में करीब 80% से भी ज्यादा आबादी वाले ST और पिछड़े मुसलमानों को आरक्षण का लाभ पहले से मिल रहा है और अभी उन्होंने जिस दस फीसदी सवर्ण आरक्षण को समर्थन देकर पास कराया है,उससे मुसलमानों के सवर्ण भी अब आरक्षित श्रेणी में आ गये हैं
आदरणीय बहिनजी- आपकी जानकारी के लिये बता दूं कि अब पूरे देश में सिर्फ दो धर्मों के दलित ही यानी- दलित मुसलमान और दलित ईसाई ही ऐसे भारतीय नागरिक है. जिन्हें अपने कोटे या एस सी दलित होने के श्रेणी में होने के वावजूद, दलित आरक्षण का लाभ नहीं- मिल रहा है बहिनजी-अब यहीं आपके एक सच्ची दलित नेता या अल्पसंख्यक हितैषी होने का बड़ा इम्तिहान शुरू होता है अगर आप वाकई खासकर दलित या पसमांदा मुसलमानों की बड़ी हमदर्द और सोच से ईमानदार हैं तो लोस चुनाव के पहले केन्द्र सरकार पर दबाव डालकर/ मजबूर करके- आप एस सी एस टी एक्ट की तरह अनुच्छेद 341 पर लगे धार्मिक पाबंदी को हटाने संबंधित नया प्रेसिडेंसियल आर्डर अध्यादेश जारी करवा कर दिखाइये
नहीं तो सपा के 18% मुस्लिम आरक्षण की तरह- इस तरह की फिजूल आर्थिक आरक्षण की मांग उठाकर- मुसलमानों के साथ फरेब और धोखेबाजी करके मुसलमानों का हमदर्द बनने का झूठा नाटक करने से आप लोग परहेज ही करिये ।
इस मौके पर मुख्य रूप से जहरुद्दीन अंसारी, ख्वाजा अंसारी, महमूद चौधरी, अशफ़ाक़ राईन, सईद राईन, ईस्माइल राईन, इमरान राईन, मुख्तार कुरैशी आदि लोग मौजूद रहे।