*”लैंड फ्रॉड “के आरोप से बचने के लिए अमिताभ बच्चन और उनके परिवार ने चार पूर्व मुख्यमंत्रियों की मौजूदगी में किया था “झूठा प्रायश्चित” ..गांव के शिक्षक ने दिखाया सदी के महानायक और उनके हमदर्द बड़े नेताओं को आईना ..ग्रामीणों ने खुद तैयार किया दौलतपुर डिग्री कॉलेज.. पढ़िए द इंडियन ओपिनियन की अनकही खबर..*



रिपोर्ट- आदित्य यादव
बाराबंकी- जनपद की फतेहपुर तहसील के दौलतपुर गांव से अपने पिता हरिवंश राय बच्चन के नाम पर कथित रूप से फर्जी खतौनी बनवाकर किसान होने का प्रमाण पत्र हासिल करने वाले अमिताभ बच्चन ने मीडिया में अपनी बदनामी और अदालतों में कानूनी कार्यवाही से परेशान होकर 10 साल पहले दौलतपुर गांव में 4 पूर्व मुख्यमंत्रियों की मौजूदगी में अपनी बहू ऐश्वर्या राय बच्चन के नाम पर कन्या महाविद्यालय का भूमि पूजन और शिलान्यास किया था ।. इस कार्यक्रम में तत्कालीन समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव सांसद अमर सिंह पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला पूर्व मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू भी शामिल हुए थे।

बाराबंकी जनपद का ऐतिहासिक VIP जमावड़ा था ।जब एक साथ चार हेलीकॉप्टर दौलतपुर गांव की जमीन पर उतरे थे। .गांव के लोगों को लगा कि, अब उनका गांव स्वर्ग बन जाएगा लेकिन उन्हें पता नहीं था कि सदी के महानायक के नाम से मशहूर अमिताभ बच्चन कथित लैंड फ्रॉड यानि भूमि घोटाले के आरोप से बचने के लिए जो प्रायश्चित करने के लिए दौलतपुर गांव की जमीन पर चार हेलीकॉप्टर लेकर 4 पूर्व मुख्यमंत्रियों और अपने पूरे परिवार के साथ उतरे थे। वह प्रायश्चित भी सच्चा ना होकर केवल झूठा अभिनय ही था .।
10 वर्ष से भी ज्यादा समय बीतने के बावजूद गांव में बच्चन परिवार के द्वारा विद्यालय नहीं बनाया गया ,जबकि कई बार निष्ठा फाउंडेशन से जुड़े लोग और अमिताभ बच्चन से जुड़े पूर्व आईएएस चंद्रमा प्रसाद कॉलेज बनवाने का दावा करते हुए गांव वालों के बीच में पहुंचे .
बार-बार वादे करते रहे लेकिन नतीजा ऐतिहासिक झूठ के अलावा कुछ नहीं रहा दुखी और निराश होकर गांव वालों ने बच्चन परिवार और उनकी VIP दोस्तों से सच्चाई की उम्मीद ही छोड़ दी .।
और गांव के शिक्षक सत्यवान शुक्ला की अगुवाई में गांव के लोगों ने खुद ही अपनी मेहनत और आपसी सहयोग से गांव में दौलतपुर महाविद्यालय बनाने का फैसला कर लिया ,और अब यह विद्यालय जल्द ही तैयार होने वाला है .।
सूत्रों के अनुसार बाराबंकी में अपने पिता के नाम पर जमीन के दस्तावेज हासिल करके अमिताभ बच्चन कुछ लाभ हासिल करना चाहते थे । लेकिन उल्टे एक बड़ी कानूनी मुश्किल में फंस गए थे ,और सुप्रीम कोर्ट में बड़ी मुश्किल से उन्होंने अपना दामन बचाया था .।

कथित जमीन घोटाले के आरोप को धोने के लिए और प्रायश्चित करने के लिए ही उन्होंने उसी गांव में कन्या महाविद्यालय बनाने का वादा किया था. ,जहां की जमीन अवैध रूप से हड़पने के आरोप उनके ऊपर लगे थे. ।गांव वालों को इस बात का दुख है कि सरकारी जमीन को अपने नाम दर्ज कराने वालों पर ना तो कोई कार्यवाही हुई ,ना ही उन्होंने गांव वालों से किया गया अपना वादा पूरा किया, कुल मिलाकर गांव वालों की भावनाओं से एक बड़ा खिलवाड़ ही किया गया. ।