*हिंदुत्व और सांस्कृतिक राष्ट्रवाद की पक्षधर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के मुख्यालय में बोले कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ,देश और देशभक्ति सभी के लिए सर्वाधिक महत्वपूर्ण, हजारों सालों पहले सर्वप्रथम भारत ने दुनिया को दिखाया सभ्यता शांति और सह अस्तित्व का रास्ता ,जाति धर्म के भेद मिटाकर कर राष्ट्रवाद को अपनाने की जरूरत ,किसी एक धर्म और भाषा से नहीं वसुधैव कुटुंबकम से जुड़ा है भारत का राष्ट्रवाद ..कांग्रेस को लगा झटका ,भाजपा को मिली नसीहत..” द इंडियन ओपिनियन “में मोहम्मद शकील कि रिपोर्ट*


नागपुर के आरएसएस मुख्यालय में आयोजित कार्यक्रम में शरीक होने पहुंचे पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने देश की संस्कृति और उसकी पहचान की विशेषता का उल्लेख करते हुए कई बातें कही। उन्होंने कहा कि मैं यहां पर राष्ट्र, राष्ट्रवाद और देशभक्ति पर बोलने आया हूं। उन्होंने कहा कि देश के लिए समर्पण ही देशभक्ति है। मुखर्जी ने कहा कि भारत खुला हुआ देश रहा है। भारत के दरवाजे पहले से खुले हुए हैं। 

इससे पहले, वे गुरूवार को आरएसएस संस्थापक हेडगेवार के जन्मस्थली गए और उनकी तस्वीर पर श्रद्धासुमन अर्पित किए। इस मौके पर मुखर्जी ने वीजिटर्स बुक में हेडगेवार को महान सपूत बताते हुए लिखा- मैं यहां पर भारत के महान सपूत को नमन करने आया हूं। उनके इस दौरे और उनके वहां दिए जानेवाले भाषण पर देशभर की खास नज़र बनी हुई है।
इससे पहले कांग्रेस नेता शर्मिष्ठा मुखर्जी ने बुधवार को कहा कि उनके पिता बीजेपी और संघ परिवार को फर्जी स्टोरीज प्लांट करने का एक मौका दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि कार्यक्रम की तस्वीरों का इस्तेमाल फर्जी कहानियां बनाने में किया जा  सकता है। शर्मिष्ठा ने ट्वीटर पर कहा- उनकी भाषण भुला दिए जाएंगे लेकिन तस्वीर बनी रहेगी। उन्होंने यह उम्मीद जताई कि पूर्व राष्ट्रपति इस बात को समझेंगे साथ ही उन्होंने ऐसे कार्यक्रमों में शामिल होने के बाद के नतीजों से भी आगाह किया।

लाइव अपडेट्स-
8.25pm: मुखर्जी ने कहा- आज गुस्सा बढ़ रहा है। हर दिन हिंसा की ख़बर आ रही है। हिंसा, गुस्सा छोड़कर हम सब शांति के रास्ते पर चलें।

8.25pm: प्रणब मुखर्जी ने कहा- विविधता और टॉलरेंस में ही भारत बसता है। सिर्फ एक धर्म एक भाषा भारत की पहचान नहीं। पचास सालों में यही मैने सीखा है।

8.15pm: भेदभाव और नफरत करेंगे तो हमारी पहचान को ख़तरा होगा। अलग  भाषा, धर्म और रंग भारत की पहचान है- प्रणब मुखर्जी

8.12pm: प्रणब मुखर्जी ने कहा- विविधता में एकता भारत को ख़ास बनाता है। मैं राष्ट्र, राष्ट्रवाद और देशभक्ति पर बोलने आया हूं। हमारी राष्ट्रीय पहचान विविधता में एकता से है। भारत का राष्ट्रवाद वसुधैव कुटम्बकम से प्रभावित है।

8.10pm: पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने नागपुर स्थित आरएसएस मुख्यालय में संबोधित करना शुरू किया। 

7.45pm: आरएसएस चीफ मोहन भागवत- संघ सबको जोड़नेवाला संगठन है। सबकी माता भारत माता है। सबके जीवन पर भारतीय संस्कृति का प्रभाव है। भारत में जन्मा हर व्यक्ति भारत पुत्र है। प्रणब मुखर्जी के आने पर विवाद ठीक नहीं है।

7.40pm: आरएसएस चीफ मोहन भागवत ने कार्यक्रम में शामिल होने के लिए प्रणब मुखर्जी का धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि यह वार्षिक कार्यक्रम है और इसको लेकर विवाद निर्थक है।

7.35pm: आरएसएस चीफ मोहन भागवत ने नागपुर में संघ के तृतीय वर्ष कार्यक्रम के दौरान कार्यकर्ताओं को संबोधित किया

7.15pm: पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का कार्यकर्ताओं को परिचय दिया गया। वे अब से कुछ देर बाद कार्यकर्ताओं को संबोधित करेंगे।

6.50pm: कांग्रेस नेता आनंद शर्मा ने ट्वीट करते हुए कहा- आरएसएस मुख्यालय में प्रणब मुखर्जी की तस्वीर देखकर कांग्रेस के लाखों कार्यकर्ता और जो लोग अनेकता में एकता में विश्वास करते हैं वे सभी गुस्से में हैं।
5.24pm: पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने नागरपुर में आरएसएस मुख्यालय पर भाषण देने से पहले आरएसएस के सरसंघचालक केशव बलीराम हेडगावर के जन्मस्थली गए।

2:59pm: हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने कहा- मैं यह सुनिश्चित करता हूं कि प्रणब मुखर्जी नागरपुर में ऐसा कुछ नहीं बोलेंगे जो राष्ट्र के खिलाफ हो। वास्तव में वह जो कुछ भी कहेंगे वह राष्ट्रहित में होगा। उनके आरएसएस कार्यक्रम में शामिल होने के मैं खिलाफ नहीं हूं। वह जहां पर चाहे जाने को स्वतंत्र हैं।

2:45pm: आरएसएस चीफ मोहन भागवत राजभवन में नहीं किया लंच। ऐसा माना जा रहा है कि पूर्व राष्ट्रपति मुखर्जी और मोहन भागवत आरएसएस मुख्यालय रेशिमबाग में निर्धारित कार्यक्रम के बाद डिनर करेंगे।