जसवंतनगर। लाखों रुपए की कीमत से बना सालों से बंद पड़ा सामुदायिक शौचालय प्रधानमंत्री के ड्रीम प्रोजेक्ट स्वच्छ भारत मिशन की धज्जियां उड़ाता दिखाई दे रहा है और स्थानीय लोग खुले में शौच जाने को मजबूर हैं।
कचौरा बाईपास नहर पुल के पास लगभग तीन साल पहले बनाया गया सामुदायिक शौचालय वर्ष 2018 में हुए उद्घाटन के बाद से ही बंद पड़ा हुआ है। स्थानीय फुटपाथ दुकानदारों का कहना है कि वो मजबूरन इधर-उधर खुले में शौच जाने को मजबूर हो जाते हैं। उन्होंने कई बार इस संबंध में नगरपालिका के अधिशासी अधिकारी को अवगत कराया लेकिन उनके कानों पर अभी तक जूं नहीं रेंगी। विदित हो कि इस सामुदायिक शौचालय का निर्माण एक संस्था द्वारा कराया गया उस पर लगे शिलालेख के अनुसार संचालन भी उसी संस्था द्वारा दर्शाया जा रहा है जबकि हकीकत में वह कभी शुरू ही नहीं किया गया अंदर की हालत भी दयनीय है। ऐसा प्रतीत होता है कि इसके निर्माण व संचालन में भारी पैमाने पर घपला किया गया है। आसपास के तमाम दुकानदारों ने काफी देर तक विरोध प्रदर्शन किया और सालों से बंद पड़े इस शौचालय को खुलवाने की मांग की है ताकि उन्हें खुले में शौच न जाना पड़े।
प्रदर्शन करने वाले लोगों में धर्मेंद्र कुमार, दीनदयाल, बल्लू यादव, प्रेमपाल राठौर, सर्वेश यादव, अजय यादव, सत्येंद्र यादव, पीके यादव इत्यादि लोग शामिल रहे।
संवाद सूत्र जसवंतनगर इटावा