* गायत्री प्रजापति को मिली जमानत रिहा करने का आदेश*

अपर सत्र न्यायाधीश अविनाश सक्सेना ने यौन शोषण, अपहरण का प्रयास और षड्यंत्र के आरोपी पूर्व खनन मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति एवं आशीष शुक्ला की जमानत अर्जी मंजूर कर ली है। जज ने इन्हें 50-50 हजार की जमानत एवं मुचलका दाखिल करने पर रिहा करने का आदेश दिया है। यह मामला गोमती नगर थाने से जुड़ा है। बचाव पक्ष की ओर से कहा गया है कि दोनों आरोपी 29 अप्रैल 2017 से न्यायिक अभिरक्षा में जेल में है। इस मामले में वादिनी ने आशीष शुक्ला को नामित किया है जबकि गायत्री प्रसाद प्रजापति के बारे में प्रत्यक्ष रूप से कोई आरोप नहीं है। यह भी कहा गया है कि मामले में विवेचक द्वारा आरोप पत्र दाखिल किया जा चुका है। विवेचक को वादिनी ने बयान देकर कहा है कि उसने गोमती नगर थाने में इस मामले को लेकर कोई रिपोर्ट दर्ज नहीं कराई है।

बहस के दौरान यह भी कहा गया कि 11 अक्तूबर 2017 को वादिनी ने विवेचक एवं अदालत को पंजीकृत डाक से मुकदमा दर्ज नहीं कराया है और न ही हस्ताक्षर मिलान के लिए हस्ताक्षर का नमूना दिया है। इसका समर्थन वादिनी के अधिवक्ता ने भी किया।

कहा गया है कि राजनैतिक रंजिश के कारण सभी कार्यवाही फर्जी तरीके से की गई है। अदालत ने कहा कि निचली अदालत द्वारा मामले को सत्र अदालत भेजने का आदेश दिया जा चुका है तथा परिस्थितियों को देखते हुए इन्हें जमानत पर रिहा करना उचित है।