*ग्राम्य विकास मंत्री डॉक्टर महेंद्र सिंह ने प्रतापगढ़ में शौचालयों के निर्माण मे घोटाला पकड़ा, बीडीओ समेत कई कर्मचारियों पर एफ आई आर*


लखनऊ । प्रदेश के ग्राम्य विकास मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डाॅ0 महेन्द्र सिंह को प्रतापगढ़ के विकास खण्ड गौरा एवं शिवगढ़ में मनरेगा योजना के अन्तर्गत बनाये जा रहे शौचालयों के निर्माण व उनके भुगतान में अनियमितता की शिकायत प्राप्त हुयी थी। डाॅ0 सिंह ने इस शिकायत की जांच ग्राम्य विकास आयुक्त श्री एनपी सिंह के निर्देशन में जिलाधिकारी प्रतापगढ़ से कराई। जिलाधिकारी की जांच में शौचालय निर्माण व उसके भुगतान में घोर अनियमितता पायी गयी है।
अधिकारियों की जांच में पाया गया कि लाभार्थियों द्वारा शौचालय का निर्माण नहीं कराया गया है। इसके बावजूद भी दोनों ब्लाकों के खण्ड विकास अधिकारियों द्वारा मे0 लक्ष्मी एण्ड ट्रेडर्स, नौडेरा, सुवंसा एवं मे0 नीरज एण्ड सन्स कम्पनी, धनुहा को कुल 222 शौचालयों के सापेक्ष रू0 23.31 लाख का भुगतान किया गया है। जांच में यह भी पाया गया कि विकास खण्ड शिवगढ़ के अन्तर्गत रू0 7.56 लाख का भुगतान इन्हीं फर्मों को बिना सामग्री आपूर्ति कराये ही किया गया है।
जांच रिपोर्ट में दोनों विकास खण्डों में खण्ड विकास अधिकारी/कार्यक्रम अधिकारी विकास शुक्ल, विकास खण्ड गौरा के लेखाकार भोला पाल, कम्प्यूटर आपरेटर हनुमान पटेल एवं विकास खण्ड शिवगढ़ के वरिष्ठ सहायक उमेश पाण्डेय व कम्प्यूटर ऑपरेटर संतोष कुमार दोषी पाए गए हैं। इनके साथ ही फर्म को भी दोषी पाया गया है। जिलाधिकारी ने दोषी अधिकारियों एवं कर्मचारियों के विरूद्ध एफआईआर दर्ज करा दी है।
ग्राम्य विकास मंत्री डाॅ0 सिंह ने इस कार्य में शिथिल पर्यवेक्षण के लिए वर्तमान में कार्यरत दोनों खण्ड विकास अधिकारियों एवं उपायुक्त श्रम रोजगार श्री ओम प्रकाश यादव को प्रतिकूल प्रविष्टि देते हुए इनके खिलाफ वैधानिक कार्यवाही करने हेतु जिलाधिकारी को निर्देशित किया है। मुख्यालय स्तर से भी दोषी अधिकारियों के खिलाफ विभागीय कार्यवाही की जा रही है। जिलाधिकारी ने दोनों कम्प्यूटर आपरेटरों के विरूद्ध भी प्राथमिकी दर्ज कराकर उनको सेवा से बाहर करने का आदेश निर्गत कर दिया है। मंत्री डाॅ0 महेन्द्र सिंह के निर्देश पर जिलाधिकारी प्रतापगढ़ ने दोषी फर्मों को मनरेगा योजना में डिबार करते हुए बैंक खाता सीज कर दिया है।
ग्राम्य विकास मंत्री डाॅ0 महेन्द्र सिंह ने जिलाधिकारी प्रतापगढ़ को ऐसे कार्य जिन पर मात्र सामग्री अंश का ही व्यय किया गया है, की जांच कर उत्तरदायी कर्मचारियों एवं अधिकारी के विरूद्ध विधिक कार्यवाही हेतु निर्देशित किया है। ग्राम्य विकास मंत्री ने प्रदेश के समस्त खण्ड विकास अधिकारियों एवं उपायुक्तों को सचेत करते हुए निर्देश दिया कि शौचालयों एवं प्रधानमंत्री आवास के निर्माण व भुगतान में किसी प्रकार की अनियमितता बर्दाश्त नहीं की जायेगी। भविष्य में ग्राम्य विकास की किसी भी योजना में अनियमितता पर इसी प्रकार से प्राथमिकी दर्ज कर कार्यवाही की जायेगी। उन्होंने प्रदेश के समस्त जिलाधिकारियों और मुख्य विकास अधिकारियों को निर्देशित किया है कि ग्राम्य विकास की योजनाओं को समाज के अंतिम व्यक्ति तक पहुचाएं तथा इनमें अवरोध उत्पन्न करने वाले अधिकारियों/कर्मचारियों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्यवाही करें।
ग्राम्य विकास मंत्री डाॅ0 सिंह ने आमजन से भी अपील किया है कि इस प्रकार की अनियमिततओं की सीधी शिकायत जिलाधिकारी तथा मुख्य विकास अधिकारी से करें। उन्होंने अधिकारियों को सख्त तेवर में निर्देशित किया कि किसी भी योजनान्तर्गत पात्र व्यक्ति का चयन शुचिता एवं सुगमता से किया जाय। उन्होंने सभी मुख्य विकास अधिकारियों को निर्देशित किया कि जनपद स्तरीय अधिकारियों से प्रतिमाह ग्राम्य विकास की योजनाओं का स्थलीय निरीक्षण और भौतिक सत्यापन करायें तथा निरीक्षण आख्या निर्धारित प्रारूप पर ग्राम्य विकास आयुक्त को भिजवायें। उन्होंने निर्देश दिया कि निरीक्षण के समय की फोटो भी अधिकारी उपलब्ध करायेंगे।

यह जानकारी ग्राम्य विकास मंत्री के सूचना अधिकारी डॉ मनोज कुमार के द्वारा दी गई..