पंजाब कांग्रेस प्रभारी व बागी धड़े की बैठक खत्म, हरीश रावत बोले- कैप्टन सरकार को कोई खतरा नहीं।

पंजाब कांग्रेस के इंचार्ज हरीश रावत ने कहा कि अगले विधानसभा चुनाव मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह की अगुवाई में ही लड़े जाएंगे। CM चेहरा बदलने की मांग करने वालों को झटका देते हुए रावत ने कहा कि बार-बार इस बात को दोहराने की कोई जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि पंजाब में सरकार को कोई खतरा नहीं है, लेकिन सरकार के राज्य व जिला स्तर पर कामकाज को लेकर कुछ चिंताएं जरूर हैं। बागी मंत्रियों व विधायकों से मैराथन बैठक के बाद रावत ने कहा कि उन्हें कुछ महत्वपूर्ण बातें बताई गई हैं जिन्हें लेकर वो कांग्रेस हाईकमान से मिलने जाएंगे। रावत ने कैप्टन अमरिंदर सिंह से भी इस दौरान फोन पर बात की। रावत ने यह भी कहा कि सलाहकारों की पार्टी व देश विरोधी बयानबाजी को लेकर कांग्रेस प्रधान नवजोत सिद्धू को उन्हें काबू में रखने को कहा गया है।
बैठक खत्म होने के बाद मीडिया से बातचीत में रावत ने कहा कि पंजाब के कुछ मंत्री व विधायक उनसे मिलने आए थे। उन्होंने अगले साल पंजाब में पार्टी की जीत की संभावना को लेकर चिंताएं जताई हैं। बागियों ने यह भी कहा कि उनका किसी व्यक्ति से विरोध नहीं है। उन्होंने राज्य व जिला प्रशासन के कामकाज को लेकर कुछ सवाल उठाए हैं। इसके अलावा उन्होंने भी पार्टी की एकता के लिए हाईकमान पर भरोसा जताया है। मंत्रियों व विधायकों के पार्टी छोड़ने के सवाल पर रावत ने कहा कि ऐसा कुछ नहीं होगा। नाराज होने पर कोई घर नहीं छोड़ता।


रावत ने सिद्धू के सलाहकारों से पल्ला झाड़ते हुए कहा कि उनसे कांग्रेस का कोई लेना-देना नहीं है। अगर उनके बयानों से कांग्रेस पार्टी व देश की भावनाओं को नुकसान होता है तो उनके खिलाफ उचित कार्रवाई होगी। इस बारे में नवजोत सिद्धू को भी कह दिया गया है कि वो उन्हें काबू में रखें। मीटिंग में पंजाब से 4 मंत्री तृप्त राजिंदर बाजवा, सुखजिंदर रंधावा, चरणजीत सिंह चन्नी, सुखबिंदर सिंह सुख सरकारिया और 3 विधायक बरिंदरमीत पहाड़ा, कुलबीर जीरा और सुरिंदर धिमान शामिल थे।
मंत्री चरनजीत चन्नी ने कहा कि हरीश रावत के साथ अच्छे माहौल में बातचीत हुई है। उन्होंने ध्यान से हमारी बातें सुनी हैं और हाईकमान तक पहुंचाने का भरोसा दिया है। हम इस पर हाईकमान के फैसले का इंतजार करेंगे। जरूरत पड़ी या हमें बुलाया गया तो हम दिल्ली भी जाएंगे। उन्होंने कहा कि तब तक पार्टी के लिए सब एकजुट होकर काम करेंगे। चन्नी ने इतना जरूर कहा कि वो अपने पुराने रुख पर भी कायम रहेंगे। उन्होंने कहा कि अब वो पंजाब लौट रहे हैं। पहले उनके यहां से दिल्ली जाने की बात कही जा रही थी।
इससे पहले बुधवार सुबह देहरादून रवानगी के वक्त मंत्री सुखजिंदर रंधावा ने कहा कि पंजाब में CM बदलने के एक महीने के भीतर वो कांग्रेस की छवि सुधार देंगे। वहीं, तृप्त राजिंदर बाजवा ने कहा कि अगर हाईकमान ने कैप्टन को नहीं बदला तो वो पंजाब में खुद ही कांग्रेस की कब्र खोदेंगे।


मंत्री सुखजिंदर रंधावा ने कहा कि मैंने और तत्कालीन पंजाब प्रधान सुनील जाखड़ ने 26 अप्रैल की कैबिनेट मीटिंग में ही बेअदबी, नशा और अन्य मुद्दों पर कार्रवाई की मांग की थी। विवाद तो उसी वक्त शुरू हो गया था। कैप्टन को हटाने के बाद पंजाब में पार्टी को नुकसान के सवाल पर रंधावा ने कहा कि एक महीने में कांग्रेस की छवि सुधर जाएगी।
कैप्टन का तख्तापलट करने के लिए मंत्री तृप्त राजिंदर बाजवा के घर बैठक के बाद देर रात 7 विधायक इससे मुकर गए। इनमें कुलदीप वैद, दलवीर गोल्डी, संतोख सिंह भलाईपुर, अंगद सिंह, राजा वड़िंग, गुरकीरत कोटली व पूर्व विधायक अजीत सिंह मोफर शामिल हैं। मंत्री सुखजिंदर रंधावा ने कहा कि भलाईपुर बैठक में ही नहीं थे। बाकी से मीडिया खुद पूछ ले।
मंत्री तृप्त राजिंदर बाजवा ने कहा कि कैप्टन अमरिंदर सिंह अकालियों के साथ मिले हुए हैं। हम कितनी देर देखते रहेंगे। हम हाईकमान से कैप्टन को बदलने की मांग करेंगे। कैप्टन कांग्रेस को मरवाने की साजिश कर रहे हैं। ये सोच हो गई है कि कांग्रेस जाए और अकाली आ जाएं। ये बिल्कुल गलत है। बाजवा ने कहा कि पंजाब में कांग्रेस के आने पर देश में कांग्रेस वापस लौटेगी लेकिन कैप्टन कांग्रेस को खत्म करने में जुटे हैं।

रिपोर्ट – आर डी अवस्थी

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