पीडब्ल्यूडी के इंजीनियर इन चीफ वीके सिंह के नए प्रयोग से सड़क निर्माण में हो रही सैकड़ों करोड़ की बचत .. द इंडियन ओपिनियन के लिए देवव्रत शर्मा की रिपोर्ट..


उत्तरप्रदेश का लोक निर्माण विभाग सड़क निर्माण क्षेत्र में करेगा देश का नेतृत्व नई टेक्नोलॉजी से पर्यावरण संरक्षण के साथ साथ लागत में भी आई कमी l
कम लागत पर पर्यावरण के अनुकूल विश्व स्तरीय मजबूत सड़कें बनाने के मामले में उत्तर प्रदेश देश का अग्रणी प्रदेश बन गया हैl लोक निर्माण विभाग के इंजीनियर इन चीफ वीके सिंह के प्रयोग से नई तकनीक के सड़क निर्माण पद्धति को अपनाए जाने के बाद तरफ जहां सैकड़ों करोड़ रुपए की बचत हो रही है वहीं दूसरी तरफ भारतीय रोड कांग्रेस ने यूपीपीडब्ल्यूडी की इस तकनीक को अपनाने के लिए नागपुर में देश भर के सड़क निर्माण से संबंधित विभागों का सम्मेलन बुलाया हैl
उत्तर प्रदेश का लोक निर्माण विभाग इन दिनों अपने अभिनव प्रयोग के लिए चर्चा में है l लोक निर्माण विभाग के विभागाध्यक्ष इंजीनियर इन चीफ वीके सिंह और उनकी टीम ने सड़क निर्माण के क्षेत्र में नए प्रयोग करके नई तकनीक विकसित की है जिसके चलते सड़क निर्माण की लागत में 20 से 25% की कमी आई है और पर्यावरण संरक्षण को भी बल मिला हैl
एक खास बातचीत में इंजीनियर वीके सिंह ने बताया की के मुख्यमंत्री और लोक निर्माण विभाग के मंत्री यानी डिप्टी सीएम केशव मौर्य के निर्देश पर सड़कों की लागत घटाने के लिए काफी दिनों से विभाग की रिसर्च टीम काम कर रही थी l उन्होंने अपनी रिसर्च टीम के साथ मिलकर पारंपरिक सड़क निर्माण पद्धति में बदलाव किया और कुछ विशेष रसायनों का प्रयोग करके सड़क निर्माण की लागत में कमी लाई गई और पर्यावरण अनुकूल टेक्नोलॉजी विकसित की गई जिसके चलते सड़क निर्माण में पत्थर की गिट्टी का प्रयोग भी 20% से कम हो गया और तारकोल का प्रयोग भी कम हो रहा हैl जिसकी वजह से पहाड़ों के खनन में कमी आ रही है और तारकोल के प्रयोग से होने वाले पर्यावरण के नुकसान का खतरा भी कम हो रहा है l
इतना ही नहीं विश्व स्तर की मशीनों से इन सड़कों की जांच भी कराई गई, तो यह पाया गया कि यह सड़कें सामान्य सड़कों की तुलना में कहीं ज्यादा मजबूत और टिकाऊ है लोक निर्माण विभाग का कहना है कि इस तकनीक को पूरे प्रदेश में धीरे धीरे लागू किया जा रहा है पिछले कुछ महीनों में हरदोई लखीमपुर सीतापुर शाहजहांपुर और लखनऊ जिले की सड़कों में इस तकनीक का प्रयोग किया गया है जो कि सफल रहा हैl
भारतीय रोड साइंस कांग्रेस ने भी इस तकनीक को मान्यता दे दी है और पूरे देश के विभिन्न विभागों इस तकनीक को लागू करने के लिए कहा जा रहा हैl बाकायदा इसी बात के लिए इंडियन रोड कांग्रेस एक सम्मेलन 22 नवंबर को नागपुर में शुरू हो रहा है जिसमें देश भर के लोक निर्माण विभागओ को यह तकनीक समझाई जाएगी और इसे धरातल पर प्रयोग करने के तरीके भी बताए जाएंगे l
लोक निर्माण विभाग के ई एन सी सभी प्रदेशों के अधिकारियों के जिज्ञासाओं का समाधान भी करेंगे l
इंडियन ओपिनियन के लिए देवव्रत शर्मा की खास रिपोर्ट