
आनंद मिश्रा
आज विश्व जनसंख्या दिवस है। प्रतिवर्ष 11 जुलाई को यह दिन मनाया जाता है। स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने एक ट्वीट में कहा कि परिवार कल्याण योजना, सतत विकास का न केवल आधार है बल्कि गरीबी उन्मूलन तथा खुशहाल जीवन की प्राप्ति में भी बड़ा योगदान है। इस अवसर पर वे आज तीसरे पहर स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा आयोजित वर्जुअल बैठक की अध्यक्षता भी की जिसमें स्वर्ण भारत परिवार के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने भी अपने विचार रखे और कहा कि दुनियाभर में दिन ब दिन तेजी से बढ़ती जनसंख्या आज हर देश के लिए चिंता का बड़ा विषय बन गई है। ऐसे में इस दिन लोगों को परिवार नियोजन, लैंगिक समानता, मानवाधिकार और मातृत्व स्वास्थ्य के बारे में जागरूक किया जाता है। दुनियाभर में फैली कोरोना महामारी के चलते ऐसा अनुमान लगाया गया है कि इस वर्ष जनसंख्या वृद्धि में कमी दर्ज की जा सकती है। वहीं भारत में बढ़ती जनसंख्या को ध्यान में रखते हुए लंबे समय से हम दो हमारे दो योजना पर जोर देने की मांग की जा रही है। *प्रदेश अध्यक्षा डॉक्टर सीमा मिश्रा ने कहा* कि 11 जुलाई 1989 को हुई शुरूआत

विश्व जनसंख्या दिवस मनाने की शुरूआत 11 जुलाई 1989 में संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम की संचालन परिषद द्वारा की गई थी। जिस समय इस दिवस को मनाने की योजना बनी उस दौरान विश्व की जनसंख्या लगभग 500 करोड़ थी। तभी से प्रत्येक वर्ष विश्व जनसंख्या दिवस मनाया जाता है। इस दिन लोगों को जनसंख्या में कमी लाने हेतु जागरूक किया जाता है। *स्वर्ण भारत की प्रदेश अध्यक्ष दिल्ली प्रदेश अजिता सिंह* ने जानकारी दी कि विश्व जनसंख्या दिवस की इस बार की थीम कोरोना वायरस के चलते दुनियाभर में महिलाओं और लड़कियों के स्वास्थ्य और अधिकारों की सुरक्षा पर केंद्रित है। इस साल कोरोना महामारी के कारण महिलाओं को आर्थिक समस्याओं का भी सामना करना पड़ रहा है। एक अनुमान के मुताबिक दुनियाभर में लगभग 60 प्रतिशत महिलाएं अपने कार्य के माध्यम से अनौपचारिक रूप से अर्थव्यवस्था में अपना योगदान देती हैं, ऐसे में कोरोना के इस दौर में इन महिलाओं पर आर्थिक प्रभाव के कारण गरीबी बढ़ने का अधिक खतरा है। कार्यक्रम को सुचारू रुप से *प्रवक्ता संतोष पांडेय जी ने किया और सरंक्षक वंदना शुक्ल* ने बताया क्यों मनाया जाता है विश्व जनसंख्या दिवस
विश्व जनसंख्या दिवस का उद्देश्य विभिन्न जनसंख्या मुद्दों पर लोगों के अंदर जागरूकता बढ़ाना है, जैसे कि परिवार नियोजन, लिंग समानता, गरीबी, मातृ स्वास्थ्य और मानव अधिकारों के महत्व के बारे में समझाया जाता है। इस मौके पर बहुत से सदस्यों व जिला अध्यक्षों ने अपने विचार रखे और सरकार से मांग की कि जनसंख्या नियंत्रण कानून लाकर देश को आत्मनिर्भर बनाने के लिए सार्थक कदम उठाए ।