आखिर क्यों पांच वक्त की नमाज़ी किस्मतउल,हर दुआ में पुलिस को याद करती है?

देवव्रत शर्मा

“गरीब की इमानदारी पर कैसे फिदा हुई खाकी”

अपने शब्दों में बयान कर रहे हैं बाराबंकी के एएसपी डॉ अरविंद चतुर्वेदी!

16 जून, 2020 को पुलिस अधीक्षक बाराबंकी कार्यालय में जनसुनवाई के दौरान पीड़ित महिला मतुल उर्फ किस्मतुल द्वारा फरवरी 2020 में गन्ने का रस निकालने वाली मशीन का रामनगर तिराहे के पास से चोरी हो जाने की सूचना देना-पीड़िता द्वारा शक जाहिर करने पर पुलिस अधीक्षक बहराइच के तत्परतापूर्वक सहयोग से मण्डी चैकी इंचार्ज उ0नि0 श्री अभिमन्यु शुक्ला द्वारा केसरगंज निवासी नियाज, गुल्ले और पूर्व प्रधान अली अहमद का संदिग्ध मशीन सहित कोतवाली में लाना-नियाज द्वारा उक्त मशीन अपनी बताना-मतुल द्वारा जिद करने पर नियाज द्वारा कुरान की कसम खाने का आग्रह करना-मतुल द्वारा निश्चित तौर पर अपनी मशीन नहीं पहचानने के कारण कुरान पर गलत कसम खाकर दोज़ख में जाने की बात कहना और अन्ततः भारी मन से सामने आयी हुयी मशीन को वापस जाने देना-इस घटनाक्रम से प्रभावित होकर आरोपी गुल्ले के गांव के पूर्व प्रधान अली अहमद द्वारा मतुल के लिये पुलिस अधीक्षक बाराबंकी की पहल पर सेकेण्ड हैण्ड मशीन खरीदने में 10,000/रूपये की सहयोग राशि देना-पुलिस अधीक्षक बाराबंकी और चैकी प्रभारी मण्डी द्वारा पांच-पांच हजार रूपये की सहयोग राशि देना-और यह वाकया दैनिक जागरण के संवेदनशील पत्रकार श्री निरंकार द्वारा *’’पुलिस के सहयोग से चलेगी परिवार की रोजी’’* शीर्षक से खबर प्रकाशित करना-अत्यन्त लोकप्रिय काॅलम *’जागरण विशेष’* के स्तम्भ लेखक श्री आलोक मिश्र द्वारा *’’कभी ठगे जाने का भी आनन्द उठाना चाहिए’’* शीर्षक से टिप्पणी-के घटनाक्रम के दौरान मतुल के चैबीस कैरेट के जमीर की चर्चा आम हो गयी।

पता चला कि ऐसी सेकेण्ड हैण्ड मशीन बहराइच, गोण्डा जैसी जगहों में 30,000-32,0000/ रूपये की मिलेगी, जिसमें कम से कम 5000/ रूपये का खर्चा कर उसे इस्तेमाल योग्य बनाया जा सकेगा। मुझे इस बात का हार्दिक सन्तोष है कि मतुल की इस कारूणिक और खुद्दारी से भरी कहानी को पढ़कर, जानकर बहुत से उदार मना, सहृदय व्यक्तियों के मेरे पास सहयोग देने के लिये काॅल आने लगे। दैनिक जागरण में खबर प्रकाशित होने के बाद मेरी हर पहल में यथा संभव सहयोग देने वाले जिलाधिकारी बाराबंकी डाॅ0 आदर्श सिंह ने मतुल को नयी मशीन देने के योजना के लिये उत्साहित किया। उसके परिवार को अन्य उपयुक्त सरकारी योजना का लाभ दिये जाने का आश्वासन दिया है।

लखनऊ के प्रतिष्ठित साइकिल व्यवसायी श्री नवीन अरोरा ने फोन करके मुझसे सेकेण्ड हैण्ड मशीन का दाम पूछा-35000-36000 रूपये जानने के कुछ देर बाद उन्होंने मुझे फिर काॅल किया और कहा कि सर हम लोग मतुल को नयी मशीन देंगे। मैं सहसा अवाक रह गया, क्योंकि नयी मशीन लगभग 55000/रूपये की आती है। नवीन ने बताया कि उसने लाटूश रोड लखनऊ स्थित दुर्गा मशीनरी के प्रोपराइटर श्री अभिषेक से बात करके मशीन के लैण्डिंग प्राइज 46500/ रूपये में देने के लिये सहमति प्राप्त कर ली है। 20,000/रूपये पहले से जमा थे, 5000/ रूपये नवीन ने और पांच-पांच हजार रूपये अपने मित्रों और मेरे भी बैडमिन्टन कोर्ट के सह-खिलाड़ियों राजीव खट्टर और बृजेश चावला ’काकू’ द्वारा दिये जाने की बात बतायी। संयोग से पिछले दिनों मेरा सम्पर्क अवकाश प्राप्त वरिष्ठ आई0ए0एस0 अधिकारी डाॅ0 अनीता जैन भटनागर से हुआ, जो अपनी स्वयंसेवी संस्था *”धात्री”* से जरूरतमंदों विशेषकर जेलों में निरूद्ध ऐसे बन्दियों की मदद कर रही हैं, जो जुर्माने की राशि न दे पाने की स्थिति में अतिरिक्त सजा भोग रहे होते हैं। हाल ही में उन्होंने बाराबंकी जेल में निरूद्ध एक गरीब व्यक्ति संतोष की जुर्माना राशि 5000/-जमा कर उसकी रिहाई का रास्ता साफ किया है। मतुल की पीड़ा जानने के बाद उन्होंने स्वतः अपनी संस्था के माध्यम से 11,500/ रूपये की धनराशि दी है। सभी सहयोग करने वालों को दुर्गा मशीनरी, लखनऊ का खाता विवरण दिया गया, जिसमें धनराशि सीधे जमा की गयी है। इसके अलावा भी कई मित्र, परिचितों ने आगे बढ़कर सहयोग देने की इच्छा व्यक्त की है, किन्तु अभी इसकी आवश्यकता नहीं है, उन्हें भी हार्दिक धन्यवाद देता हूं।

मतुल ने कल आफिस आकर तमाम जनता के व्यक्तियों और पुलिस कर्मियों के सामने अपने हृदय के उद्गार व्यक्त किये, जिसके सामने विभाग के बड़े-बड़े प्रशंसा-पत्र भी फीके पड़ जायें। उसने कहा कि *”साहब, हम तो जानते ही नहीं थे कि पुलिस वालों के पास भी इतना बड़ा दिल होता है। मैं 05 वक्त की नमाजी हूं और हर नमाज में अपने पुलिस वालों की तरक्की और बरक्कत की दुआ करती हूं।’’* मतुल हमारे समाज के उस तबके का प्रतिनिधित्व करती है *जो साधन विहीन है, जिनका भविष्य पूरी तरह से अनिश्चित है, उनका दैनिक जीवन सामाजिक जिम्मेदारियों से दबा पड़ा है, फिर भी उनमें ईमानदारी, खुद्दारी और कृतज्ञता के भाव कूट-कूट कर भरे हुये हैं।* नमन करता हूं कि उनकी जिजीविषा को!

मुझे इस बात का बेहद संतोष है कि मेरे सहयोगी उपनिरीक्षक श्री अभिमन्यु शुक्ला ने अत्यन्त संवेदनशीलता का परिचय देते हुये मतुल के सपनों को साकार किया है। हमारे समाज के उदार मना लोग ऐसे मौके पर कभी पीछे नहीं हटते। इसका प्रमाण है आज एक नयी गन्ने की मशीन मतुल हो हस्तगत हो पाना आज मतुल के आग्रह पर हम सब फैजुल्लागंज स्थित उसके घर आये हुये हैं, जहां उसका पति जमाल अहमद और उसके 07 बच्चे-02 लड़के और 05 लड़कियां हम लोगों के स्वागत में न जाने क्या-क्या करने को तत्पर दिख रहे हैं और मतुल को नई गन्ने के रस निकालने वाली मशीन देने के लिये मेरे व्यक्तिगत आग्रह पर अपनी लेखनी की तेजस्विता से समाज के उपेक्षित वर्ग की लड़ाई लड़ने वाले वरिष्ठ पत्रकार श्री अमज़ाद साहब मोहम्मदपुर खाला से तशरीफ लाए हैं। जब मैं 1998 में लखनऊ जिला पुलिस में तैनात था तो अमज़ाद साहब लखनऊ के वरिष्ठ और सम्मानित पत्रकार हुआ करते थे।

हम सबको विश्वास है कि गहरी आस्था और निःस्वार्थ सहयोग के परिणाम स्वरूप उपलब्ध करायी गन्ने रस की मशीन से निकाला गया रस और अधिक मिठास व सन्तुष्टि से भरपूर होगा। *आमीन!!*

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