लखनऊ: योगी सरकार के कद्दावर मंत्री बृजेश पाठक ने कोरोना संकट के नियंत्रण में स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही को लेकर बड़े सवाल खड़े किए हैं उन्होंने राजधानी लखनऊ में अव्यवस्था लापरवाही और संवेदनहीनता को खोलकर उजागर किया है और यह भी स्पष्ट आरोप लगाया है कि प्रसिद्ध इतिहासकार योगेश प्रवीन मौत भी स्वास्थ्य विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों की लापरवाही के चलते हुई है ।
कोरोना जंग में उत्तर प्रदेश के कानून मंत्री बृजेश पाठक ने सामाजिक जिम्मेदारी निभाते हुए जनता की मदद के लिए एक नई पहल की है। अपनी ही सरकार की कमियों को व्यापक जनहित में सामने लाने वाले वह पहले मंत्री हैं जिनके लिए देशवासियों की भलाई सियासी फायदे से ज्यादा बड़ा विषय है।
यूपी में कोविड-19 की केस में रोजाना बढ़ोतरी को लेकर कैबिनेट मंत्री बृजेश पाठक ने राज्य के प्रमुख स्वास्थ्य सचिव अपर मुख्य स्वास्थ्य सचिव को एक पत्र के माध्यम से लखनऊ की बिगड़ती दशा के बारे में प्रमुख स्वास्थ्य सचिव अपर मुख्य स्वास्थ्य सचिव को अवगत कराया है।
पत्र में उन्होंने कहा कि लखनऊ में स्वास्थ्य सेवाए चिंताजनक है और अगर खराब व्यवस्थाओ पर ध्यान नहीं दिया गया तो लखनऊ में लॉकडाउन लगाना पड़ सकता है।
उन्होंने कहा कि एंबुलेंस 5 से 6 घंटे के विलम्ब से पहुंच रही है। बृजेश पाठक के मुताबिक प्राइवेट अस्पतालों में कोरोना की जांच बन्द हो गई है, जो बेहद गलत है।
लखनऊ मे इस वक्त 17000 जांच किटों की जरूरत है, लेकिन 10000 किटें ही मिल रही है। उन्होंने कहा कि लोग लगातार मदद के लिए फोन कर रहे हैं। लेकिन सुविधा नहीं है, इसलिए मदद भी नहीं हो पा रही है।
आपको बता दें कि कानून मंत्री बृजेश पाठक ने कोविड-19 से लड़ रही जनता की बिगड़ती दशा के बारे में स्वास्थ्य विभाग के आला अधिकारियों को पत्र के माध्यम से जागरूक किया।
रिपोर्ट दीपक मिश्रा