
नई दिल्ली: देश में शिक्षकों की योग्यता को लेकर अक्सर सवाल उठते रहें है, मैनेजमेंट कोटे से हुई नियुक्तियों पर लंबे समय से विवाद भी चला आ रहा था,जिससे संबंधित याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने सुपर पावर का इस्तेमाल करते हुए यह आदेश दिया है कि उत्तर प्रदेश में माध्यमिक शिक्षा में 2000 के बाद मैनेजमेंट कोटे से नियुक्त सभी शिक्षकों की भर्ती रद्द की जाती है। न्यायालय ने माध्यमिक शिक्षा विभाग में मैनेजमेंट कोटे से नियुक्ति पर बड़ा फैसला सुनाया है, इससे संबंधित याचिका पर सुनवाई करते हुए आज वर्ष 2000 के बाद से अब तक मैनेजमेंट कोटे से नियुक्त हुए सभी शिक्षकों की नियुक्ति रद्द कर दी गई है।

स्पेशल पावर का इस्तेमाल कर न्यायालय ने यह आदेश पारित किया है, सुप्रीम कोर्ट ने अपनी स्पेशल पावर का इस्तेमाल करते हुए ये फैसला सुनाया है। आपको बता दे कि देश की सर्वोच्च अदालत को मिली स्पेशल पावर एक संवैधानिक शक्ति है, जिसे निरस्त नहीं किया जा सकता है।

हालांकि एक राहत की ख़बर यह भी है कि अब इन शिक्षकों की परीक्षा आयोजित की जाएगी, हालांकि कोर्ट ने इस कोटे से नौकरी पाए शिक्षकों को राहत देने का विकल्प भी सरकार को दिया है, जिसका मतलब है कि सरकार अब पहले से नियुक्त लोगों को उम्र और मेरिट में छूट दे सकती है। वहीं इस प्रकिया में जब तक भर्ती नहीं पूरी हो जाती तब तक उन्हे वेतन दिया जाएगा।
रिपोर्ट- नितेश मिश्रा