*सीएम योगी के डिप्टी सीएम केशव के विभाग में क्या हो रहा है? पीडब्ल्यूडी के क्रूर, बेशर्म, भ्रष्टाचारी चीफ इंजीनियर से परेशान ठेकेदार को मिली मौत ! The Indian Opinion*


उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव मौर्य पिछले कई सालों से पीडब्ल्यूडी विभाग के मंत्री हैं। लेकिन इतने समय में वह पीडब्ल्यूडी का भ्रष्टाचार दूर नहीं कर पाए। उनके विभाग में बेलगाम अधिकारी काली कमाई और कमीशन खोरी के चक्कर में बेशर्मी की सारी सीमाएं पार कर रहे हैं।

बनारस में पीडब्ल्यूडी के चीफ इंजीनियर अंबिका सिंह के दफ्तर में उनके सामने ही ठेकेदार अवधेश श्रीवास्तव ने परेशान होकर खुद को गोली मार ली।

जानकारी के मुताबिक ठेकेदार अवधेश श्रीवास्तव को लगातार पीडब्ल्यूडी के चीफ इंजीनियर अंबिका सिंह और उनके दूसरे अधिकारियों के द्वारा परेशान किया जा रहा था उनका उत्पीड़न किया जा रहा था। सूत्रों के मुताबिक विभाग में लाखों रुपए का काम करने के बावजूद ठेकेदार को भुगतान नहीं दिया जा रहा था। कमीशन खोरी और उत्पीड़न से परेशान ठेकेदार लगातार अधिकारियों से इस बात की शिकायत कर रहा था लेकिन उसकी कोई सुनवाई नहीं हो रही थी।

आज ठेकेदार अवधेश श्रीवास्तव विभाग में बाकी अपने पेमेंट के भुगतान की बात करने के लिए चीफ इंजीनियर के पास गए उन्होंने चीफ इंजीनियर से अपनी समस्याएं बताई लेकिन कहा जा रहा है, कि उनकी समस्या सुनने की बजाएं चीफ इंजीनियर ने उन्हें अपमानित करके डांट दिया जिसके बाद परेशान होकर ठेकेदार अवधेश श्रीवास्तव ने खुद को अपने ही लाइसेंसी असलहे से गोली मार ली और थोड़ी ही देर में उनकी मौत हो गई।

और उन्होंने खुद को कहीं और गोली नहीं मारी बल्कि चीफ इंजीनियर अंबिका सिंह के दफ्तर में उनके सामने ही खुद को गोली मार ली।

आरोप है कि पीडब्ल्यूडी वाराणसी मंडल के चीफ इंजीनियर अंबिका सिंह लगातार ठेकेदार अवधेश श्रीवास्तव को परेशान कर रहे थे इस घटना की खबर फैलते ही हड़कंप मच गया और मौके पर कमिश्नर दीपक अग्रवाल डीएम सुरेंद्र सिंह और एसएसपी आनंद कुलकर्णी पहुंच गए।

पुलिस प्रशासन ने इस मामले की जांच शुरू कर दी है और जांच के बाद सभी तथ्यों के बारे में बताने की बात कही है।

फिलहाल इतना तो तय है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ डिप्टी सीएम केशव मौर्य के विभाग में इमानदारी और अनुशासन स्थापित नहीं कर पा रहे और इन्हीं विसंगतियों के चलते पीडब्ल्यूडी को सेवाएं देने वाले एक सीधे साधे ईमानदार ठेकेदार को विभाग से अपना भुगतान मांगने के बदले भुगतान तो नहीं मिला उन्हें मौत को ही गले लगाना पड़ा लोकतंत्र में अफसरशाही के द्वारा आम जनता का यह उत्पीड़न वाकई में दुखदाई है शर्मनाक है।

रिपोर्ट – देवव्रत शर्मा