मुज़फ्फरनगर के थाना भोपा क्षेत्र के मोरना कस्बे में 6 दिन पहले हुयी दवा व्यापारी की हत्या के बाद, हत्यारो की गिरफ्तारी न होने व पुलिस के आला अधिकारीयो द्वारा मृतक के परिवार को सांत्वना न मिलने से क्षुब्ध मृतक के परिवार ने आज अपने घरो के ताले लगाकर पलायन कर अपनी रिश्तेदारी में आ गये।
प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी ने भले ही अपनी जनता को भय मुक्त और अपराध मुक्त समाज का भरोसा दिलाया हो लेकिन योगी जी के अपराध मुक्त समाज के इस भरोसे को मुज़फ्फरनगर पुलिस की कार्यशैली ने उस समय पलीता लगा दिया, जब 6 दिन पूर्व मुज़फ्फरनगर के थाना भोपा क्षेत्र में एक दवा व्यापारी अनुज कर्णवाल की बाईक सवार तीन बदमाशों ने ताबड़तोड़ गोलिया बरसाकर हत्या कर दी थी जब दवा व्यापारी अपना मेडिकल स्टोर बंद करके अपने घर जा रहा था।
मृतक दवा व्यापारी की हत्या पर जंहा भाजपा , कांग्रेस , सपा, और बसपा, राजनैतिक पार्टियों के नेता और मंत्री विधायक मृतक के घर जाकर परिजनों को इन्साफ और आर्थिक मदद दिलाये जाने की सांत्वना देकर अपनी राजनैतिक रोटियां सेक रहे है। वंही अभी तक चाहे मौजूदा भाजपा सरकार हो या फिर विपक्ष के राजनैतिक दल किसी ने भी मृतक परिवार को आर्थिक मदद के लिए न ही हाथ बढ़ाया और न ही कोई घोषणा जनप्रतिनिधियों द्वारा की गयी।
इतना ही नहीं मुज़फ्फरनगर पुलिस के सिंघम कहलाये जाने वाले एसएसपी अभिषेक यादव द्वारा मृतक के घर न पहुंचने और हत्यारो की गिरफ्तारी न होने से क्षुब्ध केंद्रीय मंत्री डॉ संजीव बालियान ने भी SSP को नसीहत देते हुए चेतावनी दे डाली थी। जंगलो में ड्रोन कैमरे उड़ाकर बदमाशों को ढूंढती मुज़फ्फरनगर पुलिस की यह कार्यवाही एक दम फ़िल्मी कहानी जैसी है। इतना ही नहीं भोपा थाना क्षेत्र का दहशत और खौफ का जीवन जी रहा व्यापारी भी दुकानों और घरो पर पोस्टर लगाकर पलायन करने को मजबूर और बेबस दिखाई दे रहे है जिसके चलते मृतक अनुज कर्णवाल की पत्नी अपने घर में ताला डालकर अपनी दो छोटी बच्चियों को लेकर अपनी रिस्तेदारी में मुज़फ्फरनगर शहर चली गयी है।
क्योंकि कल रात एसएसपी अभिषेक यादव भोपा थाना क्षेत्र के मोरना कस्बे में प्राइवेंट लग्जरी गाड़ी से क्षेत्र का जायजा लेने तो पंहुचे, लेकिन मुज़फ्फरनगर के जिम्मेदार एसएसपी अभिषेक यादव ने मृतक के घर जाकर परिजनों को सांत्वना या इंसाफ दिलाये जाने की जहमत भी नहीं उठाई।
इन सभी बातो को देखते हुए अब मृतक अनुज कर्णवाल की पत्नी का भरोसा पुलिस से उठ गया है, न ही उसे पुलिस से सहयोग या अपने परिवार की सुरक्षा की गारंटी है और न ही अपने मृतक पति के हत्यारो को सजा दिलाने की।
दवा व्यापारी की हत्या की इस घटना के बाद हत्यारो का न पकड़ा जाना मुज़फ्फरनगर पुलिस पर सवालिया निशान खड़ा कर रहा है। वंही पुलिस की इस कार्यशैली ने मुज़फ्फरनगर पुलिस एवं प्रदेश सरकार को कटघरे में खड़ा कर दिया हैं ।