छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव का भव्य आयोजन एक से तीन नवंबर के बीच होगा। इस महोत्सव में नौ देशों के जनजातीय कलाकारों सहित 28 राज्य और 8 केंद्र शासित प्रदेशों के 1500 से अधिक कलाकार भाग लेंगे। नई दिल्ली में आयोजित टूरिज्म कॉन्क्लेव के दौरान छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने चर्चा में कहा कि इस महोत्सव के माध्यम से न केवल राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जनजातीय कलाकारों के बीच उनकी कलाओं की साझेदारी होगी, बल्कि वे एक-दूसरे के खान-पान, रीति-रिवाज, शिल्प-शैली को भी देख-समझ सकेंगे।
इन प्रयासों के क्रम में हमने नेशनल ट्राइबल डांस फेस्टिवल के रूप में एक बहुत महत्वपूर्ण परंपरा की शुरुआत छत्तीसगढ़ में की है। हमारा यह प्रयास न केवल छत्तीसगढ़ के लिए, बल्कि देश और पूरी दुनिया के जन-जातीय समुदायों के विकास के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। वनवासियों, आदिवासियों, किसानों, ग्रामीणों और वंचित वर्ग के लोगों के सामाजिक और आर्थिक सशक्तिकरण में कला, संस्कृति और पर्यटन को हमने एक मजबूत संसाधन के तौर पर इस्तेमाल किया है, और इसके बढ़िया परिणाम भी हमें मिले हैं।
इस बार आदिवासी नृत्य महोत्सव में दो थीम रखी गई है। पहली थीम है ‘फसल कटाई पर होने वाले आदिवासी नृत्य’ और दूसरी थीम है ‘आदिवासी परम्पराएँ और रीति- रिवाज’। विजेताओं को कुल 20 लाख रुपये के पुरस्कारों का वितरण किया जाएगा। प्रथम स्थान के लिए 05 लाख रुपये, द्वितीय स्थान के लिए 03 लाख रुपये और तृतीय स्थान के लिए 02 लाख रुपये के पुरस्कार दिए जाएंगे।