पश्चिम बंगाल में शिक्षक भर्ती घोटाले ने हड़कंप मचाकर रखा है। ममता बनर्जी के कैबिनेट में शामिल पार्थ चटर्जी गिरफ्तार हो चुके हैं। इसके अलावा उनकी करीबी अर्पिता मुखर्जी के फ्लैट से नकदी पर नकदी मिल रहे हैं। पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदू अधिकारी ने बुधवार को सवाल किया कि स्कूल नौकरी घोटाले के सिलसिले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा गिरफ्तारी के बावजूद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वारा पार्थ चटर्जी को मंत्री के रूप में क्यों बरकरार रखा गया है उन्हें कैबिनेट से क्यों नही निकाला गया है।
मुख्यमंत्री बनर्जी ने सोमवार को एक कार्यक्रम के दौरान कहा था कि अदालत में दोषी पाए जाने वाले किसी भी व्यक्ति को पार्टी की ओर से कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा। इसके साथ ही ममता ने भाजपा पर यह भी आरोप लगाया कि वह अपने राजनीतिक फायदे के लिए ईडी और सीबीआई का इस्तेमाल कर रही है।
इस सम्बन्ध में कुणाल घोष ने रविवार को ट्वीट किया था, ‘यह मायने नहीं रखता कि कौन सा नेता है और किस पद पर है। यदि कानून की नजर में गलत पाया जाता है तो फिर पार्टी और सरकार की ओर से उसे बख्शा नहीं जाएगा। कुणाल घोष ने आगे यह भी कहा कि, ‘पार्थ चटर्जी को मंत्री पद और पार्टी के सभी पदों से तत्काल हटा देना चाहिए। उन्हें निष्कासित करना चाहिए।
बताया जा रहा है कि बुधवार को उन पर कोई फैसला ममता ले सकती हैं। सीएम ममता बनर्जी ने बुधवार दोपहर तीन बजे कैबिनेट मीटिंग बुलाई है। ऐसा अनुमान है
कि बैठक में पार्थ से मंत्री पद छीनने का फैसला हो सकता है।
ब्यूरो रिपोर्ट ‘द इंडियन ओपिनियन’