आक्रमणकारी मुगलों और अंग्रेजों के द्वारा बनाई गई शिक्षा नीति का अभी भी है असर -राज्यपाल

उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल बलरामपुर जिले के तुलसीपुर तहसील में स्थित इमलिया कोडर के महाराणा प्रताप इंटर कॉलेज एवं दीनदयाल शोध संस्थान अपने एक दिवसीय दौरे पर पहुंची।

यहाँ संस्थान परिसर में आयोजित थारु जनजातीय सांस्कृतिक कार्यक्रम में राज्यपाल ने शिरकत की,पूर्व से तय कार्यक्रम के अनुसार राज्यपाल महोदया ने संस्थान में नवीन निर्मित कंप्यूटर लैब का उद्घाटन करते हुए थारु जनजाति की छात्राओं व महिलाओं से मुलाकात की।

कार्यक्रम में थारु जनजाति की छात्राओं व महिलाओं द्वारा लगाई गयी प्रदर्शनी का अवलोकन भी किया। उन्होंने थारु जनजातीय बच्चों द्वारा नेपाली-थरुहट नृत्य का आंनद लिया और मंच से इन बच्चों की भूरि भूरि प्रशंशा की।

इस दौरान उन्होंने एक सभा को संबोधित करते हुए कहा कि प्राथमिक शिक्षा जन्म के बाद तीन चार वर्ष से मिले तो वह बेहतर है इससे बालक-बालिकाओं का सर्वांगीण विकास होता है।

उन्होंने आंगनबाड़ी शिक्षा, प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालयों के सुदृढ़ीकरण और नई शिक्षा नीति की व्यवस्थाओं को लागू करने पर जोर दिया। उन्होंने थारु जनजाति के आरक्षण के मुद्दे पर मंच से बोला कि आरक्षण लागू करना भारत सरकार तक का विषय नहीं है राजनीतिक आरक्षण देश में कोर्ट ही लागू करता है, कई जातियां हैं और कई जनजातियां हैं। ऐसे में यदि आरक्षण उपजाति के तौर पर लागू किया जाता है तो उसके विभाजन में बड़े पैमाने पर समस्या होगी।

राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने मंच से बालिका शिक्षा पर जोर देते हुए कहा कि सिद्धार्थ विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में 36 को गोल्ड मेडल मिला, उनमें से 24 लड़कियों को गोल्ड मेडल मिला। अगर बालिकाओं को आगे बढ़ने का अवसर दिया जाए तो वह समाज में मूल चूल परिवर्तन ला सकती हैं।

हर माता-पिता को बालिका शिक्षा पर ध्यान देना चहिए और उन्हें आगे बढ़ाने के लिए कोशिश करनी चाहिए। राज्यपाल ने नई शिक्षा नीति के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रशंसा की, उन्होंने कहा कि भारत में जो मौजूदा शिक्षा नीति है वह आक्रमणकारी मुगलों और अंग्रेजों की नीतियों पर चल रही है। आजादी के 70 साल बाद देश में नई शिक्षा नीति को लागू करने का काम किया जा रहा है, इससे समाज व छात्र छात्राओं के सर्वांगीण विकास में मदद मिलेगी। वहीं, राज्यपाल ने वक्ताओं व प्राचार्य राम कृपाल शुक्ला की मांगों पर आश्वासन दिया।

उन्होंने कहा कि भारत रत्न नानाजी देशमुख द्वारा स्थापित और थारू जनजाति के उत्थान को समर्पित इस संस्थान के लिए और जो कुछ भी राजभवन या उत्तर प्रदेश सरकार कर सकती है, वह जरूर करेगी, मैं संबंधित अधिकारियों को बुलाकर उन्हें निर्देश दूंगी।

रिपोर्ट – योगेंद्र, बलरामपुर

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