आलू में झुलसा रोग की रोकथाम कैसे करें: विनाशकारी रोग से किसान हो जाए सावधान!

एग्रीकल्चर डेस्क
द इंडियन ओपिनियन

विश्वजीत शर्मा
एमएससी एग्रीकल्चर

आलू में अगेती एवं पछेती झुलसा रोग के लक्षण एवं नियंत्रण के उपाय

आलू के पौधों में झुलसा रोग का प्रतिकूल असर होता है। आलू में अगेती झुलसा रोग के साथ पछेती झुलसा रोग का प्रकोप भी होता है। इन रोगों से आलू के उत्पादन में भारी कमी आती है।

आलू में अगेती झुलसा के लक्षण

आलू में अगेती झुलसा रोग आल्टनेरिय सोलेनाई नामक कवक के कारण होता है। इस रोग से आलू की फसल को सबसे अधिक नुकसान होता है। इस रोग के लक्षण बुवाई के 3 से 4 सप्ताह बाद नजर आने लगते हैं। पौधों की निचली पत्तियों पर छोटे – छोटे धब्बे उभरने लगते हैं। रोग बढ़ने के साथ धब्बों के आकार एवं रंग में भी वृद्धि होती है। रोग का प्रकोप बढ़ने पर पत्तियां सिकुड़ कर गिरने लगती हैं। तनों पर भी भूरे एवं काले धब्बे उभरने लगते हैं। कंद आकार में छोटे रह जाते हैं।
*अगेती झुलसा रोग पर नियंत्रण *

१:- बीज उपचार करने के उपरांत बीजों को बोया जाना चाहिए ।

२:- बुवाई ३-४ सप्ताह उपरांत फ़ंगल गॉर्ड 2ml/litter की दर से स्प्रे करने से रोग नियंत्रित होता है ।

३:- बुवाई समय से कर लेनी चाहिए ।

आलू में पछेती झुलसा के लक्षण

आलू में पछेती झुलसा रोग *फाइटोपथोरा * नामक कवक के कारण होता है। इस रोग में पौधों की पत्तियां सिरे से झुलसने लगती हैं। प्रभावित पत्तियों पर भूरे एवं काले रंग के धब्बे उभरने लगते हैं। पत्तियों के निचली सतह पर रुई की तरह फफूंद नजर आने लगते हैं। इस रोग के होने पर आलू की पैदावार में कमी आती है और कंदों का आकार भी छोटा रह जाता है। यह रोग बहुत तेजी से फैलता है जिस कारण कुछ दिनों में पूरी फसल को ही नष्ट कर देता है।

पछेती झुलसा रोग पर नियंत्रण

१:- बीज उपचार करने के उपरांत बीजों को बोया जाना चाहिए ।

२:- फ़ंगल गॉर्ड 2ml/litter की दर से रोग के चिन्ह दिखते ही स्प्रे करने से रोग का उपचार सम्भव है

उपरोक्त दोनो रोग के उपचार होने के उपरांत PGR No1 + PGR No2 की 250 ml व magical grow की १०० ग्राम मात्रा प्रति एकड़ प्रयोग करने से पौधा स्वस्थ और उत्पादन अधिक होता है ।

हमें उम्मीद है यह पोस्ट आपके लिए महत्वपूर्ण साबित होगी। अगर आपको यह जानकारी पसंद आई है तो इसे अन्य किसानों के साथ साझा भी करें। जिससे अधिक से अधिक किसान आलू की फसल को अगेती झुलसा रोग एवं पछेती झुलसा रोग से बचा सकें। आलू की खेती से जुड़े अपने सवाल हमसे कमेंट के माध्यम से पूछें।

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