किसान आंदोलन पर कांग्रेसी सियासत, प्रियंका बोली मोदी सरकार कर रही अपमान!

मुज़फ्फरनगर के क़स्बा बघरा में स्थित कल्याणकारी इण्टर कॉलेज के मैदान में आज कांग्रेस की किसान पंचायत का आयोजन हुआ। पंचायत में कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गाँधी वाड्रा पहुंची जहाँ उन्होंने सरकार पर निशाना साधते हुए मंच से बोलते हुए कहा कि यह मेरा कर्तव्य है मेरा एहसान नहीं ,देश की जो स्थिति है मेरे से ज्यादा आप जानते हैं।

एक ऐसा समय आया कि 90 दिनों से लाखों किसान इस देश की राजधानी दिल्ली के बाहर बैठे हुए संघर्ष कर रहे हैं आंदोलन कर रहे हैं। इस आंदोलन में 215 किसान शहीद हुए बिजली काटी गई पानी रोका गया। किसानों को प्रताड़ित किया गया उन्हें मारा गया पीटा गया वह शांति से बैठे थे। देश की राजधानी की सीमा को इस तरह बनाया गया जैसे देश की सीमा हो ,  किसान अपने बेटे को देश की सीमा पर  देश की रखवाली करने के लिए भेजता है उस किसान को अपमानित किया गया उसे जलील किया गया उसे देशद्रोही कहा गया आतंकवादी कहा , प्रधानमंत्री जी ने पूरे संसद के सामने उसका मजाक उड़ाया। इंसान की तरह देश का भी एक जगह होता है उस धरती के धड़कने से देश जीवित होता है। मेरा मानना है कि हमारे देश का हृदय उस किसान है जो जमीन से जुड़ा है जमीन को सीखता है उसे उस जो बनाता है इस देश का अन्नदाता है उसको जीवित करता है लेकिन आज जब चौधरी टिकैत जी के आंखों में आंसू आते हैं तो हमारे प्रधानमंत्री जी के होठों पर मुस्कान आती है उन्हें मजाक लगता है।

आज किसानों से लूट हो रही है और प्रधानमंत्री जी के दो पूंजीपति मित्रों को पूरी छूट दी गई है। आपके सामने आकर प्रधानमंत्री जी ने बार बार हर चुनाव में यह वादा किया था कि गन्ने का भुगतान आपको दिया जाएगा मैं आपसे पूछना चाहती हूं आपको मिला , उन्होंने कहा था कि आपके आमदनी दुगनी होगी मैं आपसे पूछना चाहती हूं आमदनी दुगनी हुई। आपको मालूम होगा पूरे देश भर में गन्ने का बकाया भुगतान ₹15000 करोड़ है। आज मैं आपको बताना चाहती हूं शायद आपको यह नहीं मालूम होगा कि प्रधानमंत्री ने अपने लिए दुनिया में भ्रमण करने के लिए दो हवाई जहाज खरीदे और उन हवाई जहाज की कीमत 16000 करोड रुपए हैं। आपके गन्ने के भुगतान से ज्यादा , उनके पास हवाई जहाजों को खरीदने के लिए पैसे हैं,लेकिन देश भर के किसानों के भुगतान के लिए पैसे नहीं है।

आपसे वादा किया गया था कि 14 दिनों में भुगतान होगा आपने क्या देखा पिछले 4 सालों में गन्ने का दाम नहीं बढ़ा करोड़ के दो हवाई जहाज खरीदे गए 20,000 रोड बन रही है जो संसद भवन है जो देश की राजधानी इंडिया गेट है उसके आसपास की इमारतें बन रही है। गैस सिलेंडरों की कीमत बढ़ती चली जा रही है पेट्रोल डीजल की कीमत बढ़ती चली जा रही है आपकी गन्ने के दाम नहीं बढ़ रहे। किसानों ने मुझे पर्ची दिखाइ शायद उसी दिन वह जारी किया गया था उससे पहले की लिखा था जीरो जीरो जीरो। आपको मालूम होगा कि भाजपा सरकार ने पिछले साल डीजल पर टैक्स लगाया उससे साडे ₹300000 कमाए 2014 से अब तक मोदी सरकार टैक्स बढ़ाकर , किसान प्रताड़ित होकर अपनी समस्या लेकर आपके सामने आया तो आपने उसकी बात नहीं सुनी दिल्ली का बॉर्डर मोदी जी के घर से कितना दूर है पांच छह  किलोमीटर दूर होगा। उन्होंने पूरी दुनिया में भ्रमण किया लेकिन लाखों किसानों के पास नहीं जा पाए उनके आंसू पोछने , ना उनकी बात सुन पाए। क्योंकि ये सब सिर्फ अपने लिए और अपने पति पूंजीपतियों मित्रों के लिए नहीं हो रहा है।

इस बिल से सरकारी मंडी या बंद हो जाएंगी सरकार से न्यूनतम समर्थन मूल्य कोई भी कार्य नहीं कर सकता कि आपका अनाज  कम दाम से खरीदा जाएगा। उनको मजबूत बनाने से क्या होगा ,  मनमानी होगी जो वो चाहेंगे वही देंगे ,जब खरीदना चाहे तब खरीदेंगे।, बड़े-बड़े खरबपति आपसे सौदा कर सकते हैं। दूसरे कानून में कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग होगी मतलब है कि आपके गांव में आपके जिले में आकर आप हमारे लिए करना होगा।  जब गन्ना हो जाएगा हम आपको इसके लिए ₹500 देंगे लेकिन जब आप उसको उगायेगे तो  उस खरबपति का मन हो तो आपसे कह सकता है ना मैं आपको ₹500 दूंगा ना मैं आपका गन्ना चाहता हूं। उसको कहने की अनुमति है वह कुछ भी कर सकता है क्योंकि इस कानून के तहत आपकी कोई सुनवाई नहीं है। अगर आप अदालत में जाना चाहेंगे उसकी शिकायत करना चाहेंगे एसडीएम के साथ जा सकते हैं। उनके ऊपर से एक अधिकारी है उनके पास जा सकते हैं। आप अदालत नहीं जा सकते आप अपने हक के लिए नहीं लड़ सकते यह लिखा है उस कानून में ,तो आप सोच सकते हैं। एक तरफ एक तरफ आप , दूसरी तरफ प्रधानमंत्री के बड़े-बड़े खरबपति मित्र , आप बताइए किस की सुनवाई होगी।  ये जो कानून बनाए गए हैं इन कानूनों के तहत न्यूनतम समर्थन मूल्य खत्म होगा। जिस तरह पूरे देश को अपने दोस्तों को बेचता  है। उस तरह आप को ,आप की जमीन को ,आप की कमाई को ,अपने मित्रों को बेचना चाह रहे हैं। ध्यान रखिए जैसे पंकज ने कहा जिसने पूरी दुनिया देख रही है कभी-कभी लगता है कि हमारे प्रधानमंत्री जैसे पुरानी कहानियों में अहंकारी राजा होते थे तो जैसे जैसे उनकी  सत्ता  बढ़ती चली जा रही थी। वो अपने महल में बंद हो जा रहे थे लोग उनके सामने सच्चाई कहने से डरने लगे, उनका अत्याचार बढ़ने लगा। उनको यह भी समझ लेना कि जो जवान इस देश की सीमा को सुरक्षित रखता है वो जवान किसान का बेटा है। जवान का आदर करना चाहिए। वही देशवासी जिन्होंने प्रधानमंत्री को सत्ता दी उन्हें प्रधानमंत्री बनाया, उन्हें समझ में नहीं आ रहा कि आपसे बातचीत होनी चाहिए। वह कहते हैं कि यह कानून आपके लिए बना है किसानों के लिए बनाएं। प्रधानमंत्री जी मैं आपका एक बात कहना चाहुगी इस कानून को रद्द क्यों नहीं कर रहे हैं यह एक पवित्र धरती है। मैं आपसे कहना चाहती हूं मैं भी खुद्दार हूं मैं आपके साथ गद्दारी कभी नहीं कर सकती , आज अगर मैं यहां आई हूं तो राजनीति के लिए मुंह दिखाने नहीं आई हूं। पिछले साल मुजफ्फरनगर आई थी आपको याद होगा उस समय भी आपके बेटे शहीद हो रहे हे और आज भी हो रहे है। मैं आपके साथ खड़ी रहूंगी आपको दुख लगेगा कांग्रेस पार्टी आपके साथ खड़ी रहेगी जब आप संघर्ष करेंगे तो कांग्रेस पार्टी आएगी हम आपके साथ संघर्ष करेंगे। 

रिपोर्ट – संजीव कुमार, मुज़फ्फरनगर।

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