केंद्रीय मंत्री गडकरी ने किया पुल का उद्घाटन! सौंदर्यीकरण करने वाले कलाकारों को किया गया सम्मानित

महाराष्ट्र, नागपुर – जनपद का सदर बाजार नागपुर का अत्यंत ही भीड़भाड़ वाला इलाका है। यहां आवाजाही करने वाले वाहनों को या खरीददारों को हमेशा ट्रैफिक जाम का सामना करना पड़ता था, यह बात सभा को संबोधित करते हुए नागपुर के महापौर श्री दयाशंकर तिवारी जी ने कही और उन्होंने यह भी कहा आज इस कार्यक्रम का आयोजन अंजुमान इंजीनियरिंग कॉलेज नागपुर में हो रहा है यह बड़ा ही हर्ष का विषय है और यह भी कहा कि, ऐसे मुश्किल और अड़चन वाले क्षेत्र में भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण द्वारा 4.55 किलोमीटर लंबा फ्लाईओवर बनाया गया।

इस परियोजना हेतु 285 करोड़ रुपए का मूल्य निर्धारित किया गया था लगभग 3 साल तक बहुत सी कठिनाइयों का सामना कर आखिरकार 10 जनवरी 2020 के दिन यह फ्लाईओवर जनता की आवाजाही के लिए खुला कर दिया गया। किंतु इस पुल परियोजना में इसकी रंगाई का काम शामिल ना होने से बिना रंगाई वाले पुल का सौंदर्य मूल्य कुछ कम हो रहा था।

इस कमी को आगे से परिपूर्ण करने के लिए सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय तथा सूक्ष्म लघु एवं मध्यम विकास मंत्री श्री नितिन गडकरी जी आगे बढ़े उन्होंने अपने मंत्रालय को पुल के सौंदर्यीकरण तथा रंगाई के काम के लिए निर्देश दिए इतना ही नहीं इस कार्य के लिए नागपुर के स्थानीत कलाकारों को शामिल किया जाए इस बात पर पुरजोर आग्रह किया इस पूरे कार्य की विशेषताएं इस प्रकार हैं इस सुंदरीकरण को ड्रीम डिजाइन ऑन डिलीवर स्त्री सूत्र से संजोया गया कोरोना महामारी के संक्रमित काल में भी स्थानीय कलाकारों ने अपना कार्य जारी रखा और अपनी जिम्मेदारी को पूरी तरीके से निभाते हुए पुल के सौंदर्यीकरण मुक्त स्वरूप दिया।

इसके अलावा कार्यक्रम को संबोधित करते हुए क्रीडा मंत्री ने कहा, इस कार्य से महामारी के संकट में भी इन कलाकारों को रोजगार मिला पुल की लंबाई अनुसार अलग-अलग क्षेत्र की उपयोगिता को ध्यान में रखकर अलग-अलग थीम बनाई गई जैसे जहां स्कूल तथा कॉलेज है वहां पर एजुकेशन थीम, जहां क्रीडा संकुल है स्पोर्ट्स थीम, मार्केट जोन में मार्केट के अनुसार थीम की प्रतिकृतियां स्थापित की गई। महिला सशक्तिकरण, लैंगिक समानता, गर्ल चाइल्ड आदि विषयों का थीम में उपयोग किया गया। विदर्भ के प्रतिभाशाली सपूत एवं इसरो के कार्यों की पहचान दिलाने वाले तथा मशहूर शतरंज खिलाड़ी विश्वनाथन आनंद आदि के पोट्रेट्स भी राज भवन के सामने वाले पुल के हिस्से में स्थापित किए गए हैं। सारे जंक्शन पर खास किस्म के चित्रों का उपयोग किया गया है।

जिससे लोगों को आने वाले मोड़ का निर्देश मिले और दुर्घटना टलने में मदद हो नागपुर को टाइगर कैपिटल ऑफ इंडिया कहा जाता है। इसलिए इन चित्रों में बाघ के चित्रों का समावेश किया है। पुल को प्रकाशमान करती सारी बत्तियां स्थानीय रूप से निर्मित है। इनकी खासियत यह है कि यह विधिक समय पर अपने आप चालू तथा बंद होती है। राष्ट्रीय त्योहारों पर या अपने आप थीम अनुसार जलने लगती हैं।
ढेर सारी विशेषताओं से लैस इस प्रकार की परिकल्पना का श्रेय माननीय गडकरी जी का है। जिनके मंत्रालय ने इस कार्य के लिए 3.90 करोड़ रुपए राशि मंजूर की आज फ्लाईओवर की रंगाई तथा सुंदरीकरण में योगदान देने वाले स्थानीय कलाकार की मेहनत तथा प्रतिभा का गौरव करने और उनका हौसला बढ़ाने के लिए इस कार्यक्रम का आयोजन किया गया है।


राष्ट्र की प्रगति को समर्पित इस शानदार उपहार से क्षेत्र की शान में चार चांद लग जाएंगे यह सुनिश्चित है।
इस मौके पर माननीय गडकरी जी ने सुंदरीकरण मैं योगदान देने वाले कलाकारों को सम्मानित किया एवं हौसला अफजाई की, साथ ही उन्होंने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि आज के कार्यक्रम में उपस्थित हमारे क्रीडा मंत्री आदरणीय सुनील बुकेदार महापौर आदरणीय दयाशंकर तिवारी तथा यहां पर विशेष रूप से उपस्थित अंजुमान इंजीनियरिंग कॉलेज तथा इस संस्था के प्राचार्य, सभी उपस्थित सम्मानित नगरसेवक तथा हमारे भाइयों और बहनों हमारे नागपुर के कलाकारों ने अपने परिश्रम तथा मेहनत से कोविड काल में इस साढ़े 3 किलो मीटर ब्रिज को नीचे से सुंदर करने का कार्य परिश्रम तथा मेहनत से किया है। आज इस का उद्घाटन हुआ है तथा इस कोविड कार्यकाल में कलाकारों की आर्थिक हालत बहुत ही खराब थी उनके पास किसी भी प्रकार का कोई रोजगार नहीं था ऐसे समय में यह कार्य संस्था को दिया गया और इस संस्था की सभी लोगों ने जिसमें दो ढाई सौ कलाकारों ने अलग-अलग प्रकार से कार्य किया है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि इस कार्य में इतिहास है, संस्कृति है, खेल है, वाइल्ड लाइफ है और साइंस भी है।

उन्होंने कहा कि इस प्रकार कलाकारों द्वारा किए गए इस कार्य में पूरी तरीके से हमारे देश की साहित्य कला संस्कृति खेल हमारे विविध प्रकार के अंगों का विज्ञान सभी प्रकार का दर्शन इसमें है इस कार्य में नागपुर के लिए कंट्रीब्यूशन करने वालों के नामों का भी उल्लेख किया गया है उनके नाम इस प्रकार हैं राजे रघु जी राजे भोसले, राजेभक्त बुलंद शाह, बापूजी राणे, डॉ केशव राम बलिराम हेडगेवार, जनार्दन स्वामी, कर्नल सीके नायडू, मोहम्मद हिदायतुल्लाह, विनोबा भावे, बैरिस्टर शेषराव वानखेडे, बाबा जुमदेवजी, सुमति ताई, एबी वर्धन, वसंतराव साठे, माणिक सीताराम आदि लोग शामिल है। आपको बता दें कुल 25 लोगों का चित्र तथा परिचय लिखा हुआ है उन्होंने कहा कि यह ब्रिज अध्ययन करने लायक ब्रिज है। तथा यह ब्रिज निश्चित रूप से हमारे भविष्य की आने वाली पीढ़ी को एक प्रेरणा देगा।
उन्होंने कहा इस ब्रिज के सौंदर्यीकरण के निर्माण में हमारे कलाकारों ने बहुत ही मेहनत की है तथा जिन 25 लोगों की इस ब्रिज में चर्चा की गई है तथा उनका हमारे नागपुर इतिहास में बहुत बड़ा योगदान है।

ब्यूरो रिपोर्ट द इंडियन ओपिनियन के लिए आरडी अवस्थी

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