रिपोर्ट – देवव्रत शर्मा
अशिक्षित आदिवासी हो रहे मिशनरियों के धर्म परिवर्तन अभियान और झूठे प्रोपेगंडा के शिकार , हिंदुओं के प्रति नफरत और झूठ फैलाने का नतीजा है पालघर की घटना।
धर्मपरिवर्तन वाले मिशनरियों से जुड़े पालघर में संतों की हत्या के तार,पूर्व कमिश्नर का खुलासा उच्च स्तरीय जांच की मांग!
महाराष्ट्र के पालघर में पिछले दिनों जूना अखाड़े के दो भगवाधारी संतों की हत्या और उनके वाहन चालक की हत्या के मामले में मिशनरियों की भूमिका पर बड़े सवाल खड़े हो रहे हैं।
मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर और पालघर क्षेत्र में आईजी के पद पर तैनात रह चुके सत्यपाल सिंह ने कहा है कि पालघर क्षेत्र बहुत शांत क्षेत्र था लेकिन कुछ वर्षों से वहां सक्रिय धर्म परिवर्तन कराने वाले मिशनरियों ने स्थानीय लोगों को अपने स्वार्थ में गुमराह किया लोगों को लालच देकर उन्हें गुमराह किया गया है इसलिए इस मामले की विधिवत जांच होनी चाहिए।
सत्यपाल सिंह इस समय उत्तर प्रदेश के बागपत से भारतीय जनता पार्टी के सांसद हैं। इसके अलावा कई अन्य संगठनों ने भी राज्य और केंद्र सरकार को पत्र भेजकर इस मामले में उच्च स्तरीय जांच की मांग की है।
कई संगठनों ने आरोप लगाया है कि पालघर और महाराष्ट्र के कई अन्य पिछड़े क्षेत्रों में अशिक्षित लोगों को लालच देकर धर्म परिवर्तन कराया जा रहा है और उन्हें हिंदू धर्म के खिलाफ अनर्गल प्रचार करके गुमराह किया जा रहा है हिंदू देवी देवताओं और हिंदू संतों के विरुद्ध उनके मन में नफरत भरी जा रही है और ऐसी ही दुष्प्रचार और संयंत्रों के फल स्वरुप ही पालघर में संतो समेत तीन लोगों की निर्मम हत्या हुई।
इस मामले में कम्युनिस्ट पार्टी की भी भूमिका पर सवाल खड़े हो रहे हैं कई संगठनों ने इस मामले में एनआईए से जांच कराए जाने की अपील की है।
फिलहाल गृह मंत्रालय ने भी इस मामले में महाराष्ट्र सरकार से विस्तृत रिपोर्ट तलब की है।