बाराबंकी: खाकी निभा रही अपना फर्ज! पँहुच रहा जरूरतमंदों तक राशन।

बाराबंकी: कोरोना के संक्रमण को रोकने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार के द्वारा आंशिक कोरोना कर्फ्यू लगाया गया है जिस कारण से लोगों के व्यापार एवं आमदनी का जरिया ठप है ऐसे में समाज में कुछ ऐसे लोग भी हैं जो किसी प्रकार अपना जीवन यापन करते हैं लेकिन वर्तमान हालात में उनके सामने राशन पानी की विकट समस्या उत्पन्न हो गई है। इस समस्या को दूर करने के लिए खाकी ने अपनी जिम्मेदारी समझते हुए ऐसे लोगों को मदद मुहैया कराना शुरू किया है।

वैसे तो आपने कई ऐसे मामले देखे होंगे जिसमें खाकी के हाथ में डंडा रहता है और कई बार ऐसी घटनाएं सामने आती हैं जिसमें यह देखा जाता है कि पुलिस का डंडा गरीबों पर चल जाता है,कहीं पुलिस वाले गरीबों का ठेला पलट देते हैं या कहीं गरीबों पर अत्याचार किया जाता है लेकिन जनपद बाराबंकी पुलिस में तैनात बड्डूपुर थाना क्षेत्र के थानाध्यक्ष खाकी की नई परिभाषा लिख रहे हैं और ऐसे पुलिस वालों को संदेश दे रहे हैं की खाकी का फर्ज गरीबों की मदद करना है न कि उनको परेशान करना।

प्रभारी निरीक्षक बड्डूपुर गजेंद्र प्रताप सिंह अपनी अलग कार्यशैली के लिए जाने जाते हैं गजेंद्र प्रताप सिंह का गरीबों एवं असहायों से एक विशेष प्रकार का लगाव है, वह सदैव निराश्रितों की मदद करने में आगे रहते है और यही कारण है कि गजेंद्र प्रताप सदैव गरीबों के मध्य जाकर उनकी मदद कर अपनी बेहतर पुलिसिंग का नजारा प्रस्तुत कर रहे हैं।

कोरोना कर्फ्यू के कारण बड्डूपुर थाना क्षेत्र के ऐसे लोग जिनके सामने रोजी-रोटी का संकट था एवं उनको राशन आदि मुहैया नहीं हो पा रहा था जिसकी जानकारी मिलते ही थानाध्यक्ष गजेंद्र प्रताप सिंह अपनी टीम के साथ उन गरीबों के बीच पहुंचे और उनको राशन आदि उपलब्ध कराया, राशन पाकर उन सभी के चेहरे खिलखिला उठे।

राशन आदि देने के साथ-साथ थानाध्यक्ष ने वहां के लोगों से संवाद स्थापित किया क्षेत्र के बच्चों के साथ-साथ बुजुर्गों से भी बातचीत कर उन्हें इस बात से आश्वस्त कराया कि भविष्य में उन्हें किसी प्रकार की समस्या होने पर उनकी भरपूर सहायता की जाएगी। प्रभारी निरीक्षक की इस कार्यशैली प्रशंसा चंहुओर की जा रही है वहीं पुलिस की शक्तियों का दुरुपयोग करने वालों को ऐसे पुलिस वालों से सीख लेनी चाहिए कि अपनी शक्तियों का दुरुपयोग ना करके बल्कि लोगों की मदद कर आप उनके दिलों में जगह बना सकते हैं।

रिपोर्ट- नितेश मिश्रा

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