रिपोर्ट – दीपक मिश्रा
मुलायम सिंह यादव के बेटे अखिलेश यादव उत्तर प्रदेश में सीएम योगी के सबसे बड़े राजनीतिक विरोधी माने जाते हैं क्योंकि उन्हें ही सत्ता से उतार के योगी आदित्यनाथ यूपी की सत्ता की कुर्सी पर बैठे हैं और अखिलेश यादव को उत्तर प्रदेश में सबसे मजबूत विपक्षी नेता भी माना जाता है , इसके बावजूद मुलायम-अखिलेश के परिवार पर सीएम योगी लगातार मेहरबान बने हुए हैं।
कई बार मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मुलायम सिंह यादव के आवास पर जाकर उनसे मुलाकात कर चुके हैं जब उनकी सेहत बिगड़ती है तो योगी आदित्यनाथ मुलायम सिंह के पास जाकर उनका हाल चाल लेते हैं उनकी बेहतर सेहत के लिए डॉक्टरों से भी बात करते हैं और मुलायम सिंह के छोटे भाई शिवपाल यादव का भी योगी आदित्यनाथ ने काफी ख्याल रखा शिवपाल यादव को न सिर्फ लखनऊ में एक बहुत बड़ा सरकारी बंगला दिया बल्कि उन्हें तामझाम वाली सरकारी सुरक्षा वाई श्रेणी की सुरक्षा भी योगी आदित्यनाथ ने दे रखी है।
ताजा मामला मुलायम सिंह यादव की छोटी बहू अपर्णा यादव से जुड़ा है अपर्णा यादव को योगी आदित्यनाथ ने वीआईपी कैटेगरी की सुरक्षा देने का फैसला कर लिया है। अब उनके साथ लगातार यूपी पुलिस का एस्कॉर्ट चलेगा 2 पीएसओ और आधा दर्जन जवान उनकी सुरक्षा में 24 घंटे तैनात रहेंगे।
मुलायम परिवार के प्रति राजनीतिक विरोध के बावजूद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का मुलायम रवैया लोगों को सोचने के लिए मजबूर कर देता हैl हालांकि मुलायम सिंह यादव देश के वरिष्ठ राजनेता हैं और वह गृहमंत्री अमित शाह और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रति भी काफी मुलायम रवैया रखते हैं कहा जाता है कि मुलायम सिंह यादव कि नरेंद्र मोदी और अमित शाह से अच्छी दोस्ती है प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह मुलायम सिंह यादव का काफी सम्मान करते हैं यही वजह है कि योगी आदित्यनाथ भी मुलायम सिंह यादव को काफी तवज्जो देते हैं।
लेकिन शिवपाल यादव के बाद अपर्णा यादव को वीआईपी सुरक्षा देने के पीछे दूसरी कहानी बताई जाती है। राजनीतिक जानकारों के मुताबिक उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी ने पहले शिवपाल यादव को महत्व दिया क्योंकि शिवपाल यादव लगातार अखिलेश यादव के नेतृत्व वाली समाजवादी पार्टी को कमजोर करने में जुटे हुए थे। पिछले कुछ महीनों से शिवपाल और अखिलेश के बीच खटास कम हो गई है और संबंध “मुलायम” हो गए हैं बताया जाता है कि मुलायम सिंह यादव की दखल के बाद अखिलेश और शिवपाल फिर से समझौते के रास्ते पर आगे बढ़ रहे हैं लेकिन मुलायम की छोटी बहू अपर्णा यादव लगातार भाजपा की नीतियों का समर्थन करती रही हैं।
हालांकि वह समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी के तौर पर लखनऊ से पिछला विधानसभा चुनाव लड़ चुकी हैं लेकिन उन्होंने नागरिकता कानून के मुद्दे पर समाजवादी पार्टी के खिलाफ जाकर भारतीय जनता पार्टी का समर्थन किया था और नागरिकता संशोधन को देश हित में बताया था। अब योगी आदित्यनाथ ने अपर्णा यादव को वीआईपी सुरक्षा देकर मुलायम परिवार में शिवपाल के बाद अपने दूसरे शुभचिंतक को मजबूत करने की कोशिश की है।
योगी आदित्यनाथ भी सियासत के माहिर खिलाड़ी हैं वह समझते हैं कि मुलायम परिवार के कुछ अहम सदस्य जब सपा में रहते हुए उनकी नीतियों का समर्थन करेंगे तो न सिर्फ आम जनता बल्कि सपा के कार्यकर्ता भी भाजपा के बारे में सोचने के लिए मजबूर होंगे और इस तरह एक तीर से भाजपा के कई शिकार होंगे। पहले भी राजनीतिक दलों ने विरोधी राजनीतिक परिवारों में “विभीषण” तैयार करने और उनकी मदद करने में देरी नहीं लगाई है।