बाराबंकी: रामसनेहीघाट मामले में सियासी उबाल के बाद जहाँ प्रशासन की कार्यवाही पर विपक्ष द्वारा सवाल उठाए जा रहे है वही अब मामले का संज्ञान उत्तर प्रदेश के मुखिया योगी आदित्यनाथ ने लेते हुए जिलाधिकारी बाराबंकी द्वारा जनपद में वक़्फ़ बोर्ड द्वारा फर्जीवाड़ा करके रजिस्टर की गई सम्पत्तियों के विरुद्ध की जा रही कार्यवाहियों के क्रम में मुख्यमंत्री द्वारा सशक्त निर्देश देते हुए इस संबंध में 3 सदस्यीय समिति का गठन कर दिया है।
दरअसल रामसनेहीघाट प्रकरण के बाद भाजपा सांसद ने भी मुख्यमंत्री को इस आशय का पत्र भेजा था वही दूसरी ओर विद्यायक कुर्सी साकेन्द्र वर्मा ने भी वक़्फ़ संपत्तियों की जांच करने हेतु पत्रालेख किया था जिसके क्रम में तहसील फतेहपुर के कतुरीकला क्षेत्र में जांच कर ऐसी संपत्तियां चिन्हित की गयी है।
जिलाधिकारी बाराबंकी द्वारा ट्वीट के माध्यम से जानकारी देते हुए बताया गया कि “राम सनेही घाट तहसील परिसर के प्रकरण में शासकीय संपत्ति पर अनियमित तरीके से अवैध इकाई का निर्माण करने तथा इसके संदर्भ में फर्जी अभिलेखों के आधार पर पंजीकरण कराए जाने के संबंध में शासन स्तर से भी त्रिस्तरीय जांच समिति गठित की गई है।
शासन द्वारा जारी पत्र में नामित टीम में शिवाकांत द्विवेदी विशेष सचिव अल्पसंख्यक कल्याण एवं वक़्फ़ अध्यक्ष एवम राहुल गुप्ता उप निदेशक, अल्पसंख्यक कल्याण लखनऊ मंडल तथा उपनिदेशक, अल्पसंख्यक कल्याण अयोध्या मंडल सदस्य के तौर पर प्रकरण के संबंध में जांच कर आख्या एक पक्ष के भीतर आख्या शासन को उपलब्ध कराएंगे।
समिति के गठन के बाद भाजपा सांसद उपेंद्र सिंह रावत द्वारा उक्त कार्यवाही का समर्थन करते ट्विटर पर लिखा गया कि जिलाधिकारी दवाई जनपद में वक़्फ़ बोर्ड द्वारा फर्जीवाड़ा करके रजिस्टर की गई संपत्तियों के विरुद्ध की जा रही कार्यवाहियों के क्रम में मुख्यमंत्री द्वारा सशक्त निर्देश देते हुए इस सम्बंध में तीन सदस्यीय समिति का गठन कर दिया गया है।
रिपोर्ट- नितेश मिश्रा