लखनऊ :मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार शाम यूपी के डेढ़ सौ किसानों से मुलाकात की। मुख्यमंत्री आवास पर सीएम ने किसानों को संबोधित करते हुए कहा कि किसान अन्नदाता है और समाज का भाग्य विधाता भी है, इसलिए हम सबके एजेंडे में किसान सर्वोच्च प्राथमिकता रखता है। महामारी हो या सामान्य दिनचर्या हो, अपनी मेहनत से धरती माता से अन्न लहलहाने का काम भी करता है।
किसान अपनी मेहनत से हर एक का पेट भरने का कार्य करता है। कोरोना काल में दुनिया की बड़ी-बड़ी ताकतें बुरी तरह प्रभावित रही हैं। मगर कोरोना का डट कर मुकाबला अन्नदाता किसानों ने ही किया है। अन्न का उत्पादन बढ़ा दिया। चीनी मिले चलती रहीं, गन्ना किसान वहां गन्ना भेजता रहा। इसके लिए मैं देश के सभी अन्नदाताओं का हृदय से अभिनंदन करता हूं।
सीएम ने आगे कहा कि किसानों के लिए काम 2014 में नरेंद्र मोदी की सरकार में हुआ। पहले की सरकारों में किसान उनके लिए राजनीतिक एजेंडा था। पहले की सरकारों में सिर्फ एमएसपी की घोषणा होती थी। मैं कहता हूं कि उससे कुछ नहीं होने वाला है। उसका मतलब तब है, जब किसान की फसल की खरीदारी राज्य सरकार करे। किसानों की आय को दोगुना करना इस सरकार का लक्ष्य है।
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना को लागू करना, जन-धन खाते के माध्यम से हर गरीब किसान का बैंक में अकाउंट खुलवाना, शासन की योजनाओं को सब्सिडी का लाभ बीबीडी के माध्यम से किसान के खाते में देने की व्यवस्था करना, दशकों से लंबित कृषि सिचाई योजना को समयबद्ध ठंग से आगे के लिए धन राशी की व्यवस्था करना, यह सभी काम पीएम मोदी जी के आने के बाद ही हो सके हैं।
पहले किसानों की फसल आढ़तियों के माध्यम से खरीदी जाती थी। 2016 के चुनावी साल में सपा सरकार ने 6 लाख मीट्रिक टन गेहूं खरीदा था। कोरोना के बावजूद हमने 56 लाख मीट्रिक टन गेहूं की खरीद की। पैसा सीधे किसानों के खाते में गया। कोई आढ़ती बीच में नहीं था।
सीएम ने कहा कि जब हम सरकार में आए तो पता लगा कि 2010 से ही गन्ना किसानों का पैसा बकाया है। 8 साल तक गन्ना किसानों का पैसा बकाया था। हमारी सरकार जब आई तो हमने बैठक करके स्थिति को बदलने की कोशिश की। 40 साल से बाण सागर परियोजना अधर में लटकी हुई थी। हमारी सरकार ने इसको पूरा किया। हम आभारी हैं, प्रधानमंत्री मोदी के, जिन्होंने हमें सपोर्ट किया। 2018 में हमने इस परियोजना को पूरा कर लिया। 2.5 लाख किसानों को इसका फायदा मिल रहा है।
सीएम योगी ने कहा कि सरकार ने तय किया है कि हर हाल में पश्चिमी क्षेत्र की चीनी मिलों को 20 अक्टूबर से शुरू हो जाएं। मध्य क्षेत्र की चीनी मिलें 25 अक्टूबर से शुरू हों और पूर्वी क्षेत्र की चीनी मिलें नवंबर के पहले सप्ताह में शुरू हो जाएं। इस दौरान गन्ना मंत्री सुरेश राणा और भाजपा किसान मोर्चा के अध्यक्ष कामेश्वर सिंह, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह भी मौजूद रहे।
सरकार का दावा है किसानों के लिए सीएम योगी आदित्यनाथ ने खजाना खोल दिया है। मुख्यमंत्री ने प्रदेश के सालाना बजट से ज्यादा किसानों को दिया है। विभिन्न मदों में रिकार्ड छह लाख 80 हजार 708 करोड़ रुपए का भुगतान किसानों को किया गया है। पिछली सरकारों की तुलना में कई गुना धनराशि किसानों को साढ़े चार साल में दी गई है। पहली बार गन्ना किसानों को एक लाख 40 हजार करोड़ से अधिक का भुगतान किया गया है। रमाला, पिपराइच, मुंडेरवा चीनी मिलों सहित 20 चीनी मिलों का आधुनिकीकरण और विस्तार किया गया है। किसान सम्मान निधि में ढाई लाख किसानों को साढ़े 32 हजार करोड़ दिए गए हैं।
रिपोर्ट – आर डी अवस्थी