लखनऊ :उत्तर प्रदेश डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर में अब ब्रह्मोस मिसाइल का नेक्स्ट जनरेशन तैयार होगा। मंगलवार को ब्रह्मोस एयरोस्पेस के CEO सुधीर कुमार मिश्र ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की। इस दौरान डिफेंस कॉरिडोर के लखनऊ नोड में ब्रह्मोस प्रोडक्शन सेंटर स्थापित करने के लिए 200 एकड़ जमीन आवंटित करने पर सहमति बनी। ब्रह्मोस मिसाइल का उत्पादन शुरू होने के बाद यूपी रक्षा उत्पाद निर्माण का हब बनने की दिशा में एक कदम आगे बढ़ेगा। ब्रह्मोस एयरोसपेस के सीईओ ने अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास मंत्री सतीश महाना से भी मुलाकात की।
लखनऊ नोड में ब्रह्मोस प्रोडक्शन सेंटर की स्थापना के लिए 300 करोड़ रुपए का निवेश किया जाएगा। भूमि उपलब्ध होने के बाद 3 माह के अंदर सिविल निर्माण कार्य प्रारंभ कर दिया जाएगा। इसके बाद ब्रह्मोस प्रोडक्शन सेंटर बनाने का कार्य जल्दी ही शुरू होगा। इन सेंटर में रिसर्च और डेवलपमेंट का कार्य भी होगा। 100 से अधिक ब्रह्मोस मिसाइल अगले 3 सालों में बनाए जाने की योजना है। ब्रह्मोस प्रोडक्शन सेंटर में उसमें करीब 500 इंजीनियर और टेक्नीकल लोगों को सीधे रोजगार मिलेगा। इसके अलावा करीब 5 हजार लोगों को अप्रत्यक्ष रोजगार मिलेगा और 10 हजार लोगों को इस प्रोडक्शन सेंटर से काम मिलेगा।
ब्रह्मोस एक कम दूरी की रैमजेट, सुपरसॉनिक क्रूज मिसाइल है। इसे पनडुब्बी से, पानी के जहाज से, विमान से या जमीन से भी छोड़ा जा सकता है। यह 10 मीटर की ऊँचाई पर उड़ान भर सकती है और रडार की पकड में नहीं आती। ब्रह्मोस अमेरिका की टॉम हॉक से लगभग दुगनी अधिक तेजी से वार कर सकती है। इसकी प्रहार क्षमता भी टॉम हॉक से अधिक है। रूस की एनपीओ मशीनोस्ट्रोयेनिया तथा भारत के रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन ने संयुक्त रूप से इसका विकास किया है। यह रूस की पी-800 ओंकिस क्रूज मिसाइल की प्रौद्योगिकी पर आधारित है।
रिपोर्ट – आर डी अवस्थी