समाज में इंसानों के बिगड़ते व्यवहार से दुखी होकर 10वीं की छात्रा ने किया सुसाइड, पीएम मोदी को लिखा 19 पन्‍नों का खत।

रिपोर्ट – मनीष कुमार,

संभल जिले के गुन्नौर कोतवाली क्षेत्र के बबराला कस्बे से एक ऐसी ख़बर सामने आई है, जिसे सुनने के बाद आप भी सोचने पर मजबूर हो जाएंगे। मामला एक हाई स्कूल की छात्रा की आत्महत्या से लेकर पीएम नरेंद्र मोदी तक से जुड़ा हैं। 14 अगस्त को आज़ादी के दिन से एक दिन पहले ही एक आंचल गोस्वामी नाम की छात्रा की लाश सुबह उसके घर के मचान से मिलती है। जानकारी मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंचती हैं और घटना स्थल का निरीक्षण करने में जुट जाती है। तभी पुलिस को 14 साल की 10वीं की छात्रा आंचल का एक सुसाइड नोट मिलता है, जोकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को संबोधित करते हुए लिखा गया था।

इस सुसाइड नोट में आंचल गोस्‍वामी ने लिखा, ‘मुझे इस दुनिया में नहीं रहना है। यह दुनिया मुझे बिल्कुल भी पसंद नहीं है, इसीलिए में आत्महत्या कर रही हूं। मेरी मौत का जिम्मेदार कोई नहीं हैं।’ आंचल ने लिखा, ‘यहां पर लोग एक-दूसरे से झगड़ा करते हैं, गाली-गलौज करते हैं, पेड़ों को अपने हित के लिए काट रहे हैं, इसीलिए मुझे इस समाज में नहीं रहना हैं।

आंचल मरने से पहले सुसाइड नोट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ करते हुए लिखा है कि देश में कई पीएम हुए पर माननीय नरेंद्र मोदी जी आप जैसा कोई नहीं, मेरे हृदय से आपके लिए अत्यधिक सम्मान है। काश में अपनी उम्र आपको दे पाती। आपमें संस्कार कूट-कूट कर निवास करते हैं। यह देश बरसों से अंधेरे में था और आप पहले सूर्य बनकर उभरे हैं। प्रधानमंत्री जी मैं आपसे पर्सनल मीटिंग करना चाहती थी, परंतु यह असंभव है। क्योंकि आप खुद को ही समय नहीं दे पाते हो और निरंतर देश की सेवा में लगे रहते हो। बरसों से अधूरे पड़े कार्यो को आपने पूर्ण किया।

जय श्री राम
परिस्थितियां बड़ी अनमोल होती हैं, क्योंकि कभी हमें पार लगा देती हैं तो कभी डूबो देती हैं। निरंकार अर्थात शिव से प्रार्थना करती हूं कि भारत को मजबूत बनाए, अमर बनाए। भारत औषधि का देश है, पर अब प्रदूषित हवा हर जगह फैल रही है। प्रधानमंत्री जी क्या आप मेरी इच्छाओं को पूर्ण कर सकेंगे?

19 पन्नों के सुसाइड नोट में आंचल पीएम नरेंद्र मोदी को कई सुझाव लिखे थे, जिसमें प्रदूषण पर सुझाव दिया। छात्रा आंचल लिखती है कि पीएम मोदी जी आप दीपावली पर पटाखों पर रोक लगा दो, सिर्फ फुलझड़ी की अनुमति दो। साथ ही मस्जिदों व मंदिरों से स्पीकर उतरवा दो, इससे काफी हद तक प्रदूषण पर रोकथाम लगाई जा सकती है।

आंचल यही नहीं रुकती है। अपनी 19 पन्नों के सुसाइड नोट में आंचल डॉक्टरों के बारे में भी लिखती है। आंचल पीएम को लिखती है कि पीएम साहब सस्ती कीमत की दवाई महंगी दी जा रही है, डॉक्टर गरीबो को लूट रहे है कृपया ऐसे लोगों पर कार्रवाही हो।

फिलहाल सूत्र बताते है कि हाई स्कूल की छात्रा आंचल की तबियत खराब रहती थी, वह डिप्रेशन का शिकार थी जिसको लेकर भी बहुत परेशान रहती थी। पर सवाल ये भी खड़े होते है कि जब समाज को लेकर इतनी चिंतित रहने वाली छात्रा के पास अवैध हथियार कारतूस आदि आया कहा से? जिस समय छात्रा का शव बरामद हुआ उस समय गोली के साथ-साथ छात्रा के माथे में तमंचे की नाल अंदर तक ठस गयी थी। दूसरी बात कि सुसाइड नोट में कही भी आंचल ने अपने परिवार का जिक्र नही किया है। यहां तक कि सुसाइड नोट तक पीएम को संबोधित करते हुए लिखा गया है, आंचल जाते-जाते अपने पीछे कई ऐसे सवाल छोड़ गई है जिसके जवाब मिलना अभी बाकी हैं।

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