*बाराबंकी की सियासत की यह खबर जरूर आपको रोमांचित कर देगी ,बेनी बाबू के गढ़ में पीएल पुनिया का बड़ा दांव देखिए “द इंडियन ओपिनियन” में देवव्रत शर्मा और आदित्य यादव की इस खास रिपोर्ट में..*

सर्दी घटने के साथ ही लोगों को सियासी तपिश का भी एहसास होने लगा है l
एक तरफ पीएम मोदी ने लोकलुभावन बजट पेश करके हर वर्ग को संतुष्ट करने की कोशिश के साथ 2019 में लगातार दूसरी बार मजबूत सरकार देने का दावा पेश किया है , वहीं तीन राज्यों में चुनाव जीतने के बाद जबरदस्त मनोबल के साथ आगे बढ़ रही कांग्रेस पार्टी ने किसानों और नौजवानों का हाथ पकड़कर अपनी चुनावी नैया पार लगाने के लिए पूरा जोर लगा दिया है l

बैकवर्ड पॉलिटिक्स का गढ़ माने जाने वाले बाराबंकी में पीएल पुनिया जब से आए हैं उन्होंने राजनीति के मिजाज को बदलने की कोशिश की है l पहले बेनी बाबू का आशीर्वाद लेकर लोकसभा पहुंचे और फिर उनके नाराज होने के बाद राज्यसभा पहुंचे l हरियाणा के छात्र जीवन की शुरुआत से लेकर आईएएस की सेवा में लंबे करियर के दौरान और पिछले लगभग डेढ़ दशक से राजनीत में सक्रियता के बीच लगातार पी एल पुनिया ने साबित किया है कि वह अपने कैरियर में प्रमोशन लेने में उस्ताद हैं l

नौकरशाही में रहते हुए लगातार कई मुख्यमंत्रियों के खास रहे ,महत्वपूर्ण पदों पर प्रमोट होते रहे l ताज कॉरिडोर घोटाले में नाम आने के बाद भी खुद को साफ बचा लिया और जब से सियासत में आए हैं कांग्रेसमें अपने कद को लगातार प्रमोट करने में उन्हें सफलता हासिल हुई हैl
पहले बेनी बाबू को खुश करके लोकसभा चुनाव में उनका आशीर्वाद लिया और जब बेनी बाबू नाराज हो गए तो कांग्रेस नेतृत्व का आशीर्वाद लेकर राज्यसभा पहुंच गएl
अब अपने बेटे को प्रमोट करने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ रहे लेकिन इसके लिए पीएल पुनिया ने कोई शॉर्टकट नहीं अपनाया l जी जान से कांग्रेस के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं और टीम राहुल के भरोसेमंद बनकर कर राहुल गांधी के हर मिशन को सफल बनाने की पूरी कोशिश करते हैं l

छत्तीसगढ़ राज्य के प्रभारी रहते हुए वहां कांग्रेस की सरकार बनवाने के बाद निश्चित तौर पर पीएल पुनिया का मनोबल और पार्टी के अंदर उनका कद बढ़ा है और इस बात को उन्होंने बखूबी साबित भी कियाl

अपनी राजनैतिक कर्मभूमि यानी बाराबंकी में छत्तीसगढ़ के नवनिर्वाचित मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का कार्यक्रम करवा कर और उस कार्यक्रम में भारी भीड़ जुटाकर पी एल पुनिया ने एक तीर से कई निशाने साधे हैं l एक तरफ तो उन्होंने यह संदेश देने की कोशिश की है कि वह कुर्मी समाज के बीच अपनी पहुंच और स्वीकार्यता बनाने के लिए बेनी बाबू से खटास होने के बाद अब एक नया विकल्प तलाश चुके हैं इसीलिए भूपेश बघेल के बाराबंकी पहुंचने के कई दिन पहले ही यहां के लोगों को यह मालूम करवाया गया कि भूपेश बघेल कुर्मी समाज के बड़े शुभचिंतक हैं और तमाम ऐसी होर्डिंग लगाई गई जिनमें या लिखा गया की भूपेश बघेल कुर्मी समाज के बड़े दिग्गज हैं l

भूपेश बघेल की रैली में काफी भीड़ जुटाकर पीएल पुनिया ने कार्यक्रम में आए कांग्रेस के तमाम बड़े चेहरों को यह आभास करवा दिया कि बाराबंकी में पी एल पुनिया पर्याप्त जनाधार बना चुके हैं और उनके बेटे तनुज पुनिया लोकसभा के लिए मजबूत दावेदार और बेहतर प्रत्याशी हो सकते हैंl

काफी दिनों बाद बाराबंकी शहर में इतनी भारी भीड़ वाली कोई रैली या मीटिंग लोगों ने देखी, ऐसी भीड़ बेनी बाबू की रैलियों में दिखाई देती थी ,लेकिन बेनी बाबू के जन्मदिन के कुछ दिन पहले पीएल पुनिया ने इस रैली के बहाने अपना शक्ति प्रदर्शन किया है और पीएल पुनिया का यह शक्ति प्रदर्शन उनके बेटे तनुज पुनिया के “पॉलीटिकल प्रमोशन “का हिस्सा है l
इसके साथ ही इस रैली ने भूपेश बघेल जितिन प्रसाद संजय सिंह और प्रमोद तिवारी समेत तमाम दिग्गज कांग्रेसियों को यह भी एहसास दिला दिया कि वह पार्टी हाईकमान को यह बता सकते हैं कि बाराबंकी में पी एल पुनिया का जलवा कायम हैl

भले ही वह मोदी लहर में पीएल पुनिया लोकसभा का चुनाव हार गए थे और विधानसभा चुनाव में उनके बेटे तनुज पुनिया भी चुनाव हार गए थे लेकिन 2019 के लिए कांग्रेस की ओर से बाराबंकी में बेहतर दावेदार पीएल पुनिया के बेटे तनुज पुनिया ही होंगे, इस तर्क की पटकथा भूपेश बघेल की मीटिंग में पीएल पुनिया ने अपने कुशल प्रबंधन से लिखने में सफलता हासिल कर ली हैl

कुर्मी नेता की छवि के साथ बाराबंकी बुलाए गए छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल की दोस्ती के सहारे पीएल पुनिया को बाराबंकी में बेनी बाबू की नाराजगी के बावजूद कुर्मी समाज अपना हाथ पकड़ने देगा या नहीं, यह बड़ा सवाल है …लेकिन इतना तो तय है कि अपने बेटे को सियासत में प्रमोट करने के लिए पी एल पुनिया बाराबंकी के कुर्मी समाज समेत सभी वर्गों को कांग्रेस के हाथ के साथ जोड़ने में कोई
कसर बाकी नहीं रखेंगे..