रिपोर्ट – दीपक मिश्रा,
उभरते हुए बॉलीवुड सितारे सुशांत सिंह राजपूत के संदिग्ध हत्या के मामले में मुंबई पुलिस की भूमिका लगातार संदेह के घेरे में हैl ऐसा लगता है कि न सिर्फ मुंबई पुलिस, पूरी महाराष्ट्र सरकार इस मामले पर पर्दा डालना चाहती है।
शुरुआती जांच में जहां लापरवाही बरती गई वहीं मामले से जुड़े बहुत से पहलुओं को या तो जांच में गलत दिशा दी जा रही है या फिर छुपाया जा रहा है यह आरोप लगाए हैं मृतक अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत के परिजनों ने वो लोग इस मामले में महाराष्ट्र सरकार और और मुंबई पुलिस की जांच से संतुष्ट नहीं है इसीलिए मामले में सीबीआई जांच की मांग भी की जा रही है।
हद तो तब हो गई जब इस मामले में परिजनों की शिकायत पर जांच के लिए बिहार से भेजे गए आईपीएस अधिकारी विनय तिवारी को जबरदस्ती महाराष्ट्र सरकार के अधिकारियों ने 15 दिन के लिए क्वारंटाइन सेंटर में भेज दिया।
उन्हें मुंबई में रुकने के लिए नियमानुसार आईपीएस ऑफीसर्स मैस की सुविधा भी नहीं दी गईl. विनय तिवारी बिहार में राजधानी पटना के एसपी सिटी है और बिहार सरकार के आदेश पर मामले की जांच करने के लिए मुंबई पहुंचे थे। जांच में बाधाएं उत्पन्न की उन्हें कोई सहयोग नहीं किया, उन्हें कोई दस्तावेज नहीं मुहैया कराए गए इतना ही नहीं उधव ठाकरे सरकार के आदेश पर बीएमसी के द्वारा कर उन्हें जबरदस्ती क्वारंटाइन सेंटर में बंद करवा दिया।
एक फिल्म स्टार के हत्या के चर्चित संदिग्ध मामले के मामले में जांच के लिए पहुंचे एक आईपीएस अधिकारी के साथ इस तरह बदसलूकी किए जाने से महाराष्ट्र सरकार की भूमिका पर सवाल खड़े हो रहे हैं lऐसी बातें सामने आ रही है कि उद्धव ठाकरे सरकार इस हत्याकांड से जुड़े किसी बड़ी साजिश को छिपाने में पूरी ताकत लगा रही है और इसीलिए परिवार के बार बार कहे जाने के बावजूद मामले में सीबीआई जांच की सिफारिश नहीं की है।
वही बिहार पुलिस के आईपीएस अधिकारी के साथ महाराष्ट्र में बदसलूकी किए जाने को लेकर बिहार पुलिस के डीजीपी गुप्तेश्वर पांडे ने सख्त एतराज जताया है डीजीपी ने मीडिया से कहा है कि महाराष्ट्र में बिहार पुलिस के आईपीएस अधिकारी के साथ गलत बर्ताव किया गया है ना तो उन्हें जांच में सहयोग किया गया बल्कि उल्टा उन्हें परेशान किया जा रहा है और गैरकानूनी तरीके से जबरदस्ती उन्हें क्वॉरेंटाइन करके गलत संदेश दिया जा रहा है।