इस फल का जूस कुछ ही देर में रक्त में शर्करा के स्तर को कम कर सकता है। जानिये क्या कहता है एक नया अध्ययन

डायबिटीज या मधुमेह अनियमित जीवन शैली के कारण उत्पन्नं एक बीमारी है, जिसमें ब्लड शुगर यानी रक्त शर्करा के स्तर को काबू में रखना बेहद ही जरूरी होता है। शरीर में जब इंसुलिन हार्मोन का उत्पादन कम या फिर बंद हो जाए तो लोग मधुमेह जैसी गंभीर बीमारी की चपेट में आ जाते हैं। मधुमेह की बीमारी में ब्लड शुगर के स्तर में अनियमितता के कारण हार्ट अटैक, ब्रेन स्ट्रोक, किडनी फेलियर और अंधापन जैसी जानलेवा और गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का जोखिम भी बढ़ जाता है।

इसलिए स्वास्थ्य विशेषज्ञ मधुमेह के मरीजों को खानपान के प्रति अधिक सजगता बरतने की सलाह देते हैं। बता दें कि रक्त में उच्च शर्करा स्तर की स्थिति को मेडिकल टर्म में हाइपरग्लाइसेमिया कहा जाता है।

एक अध्ययन में अनार के जूस को रक्त में शर्करा के स्तर को कम करने में कारगर पाया गया

हाल ही में हुए एक अध्ययन में दावा किया गया है कि मधुमेह के मरीजों के लिए अनार का जूस किसी रामबाण से कम नहीं है। अध्ययन में कहा गया कि नियमित तौर पर अनार का जूस पीने से ब्लड शुगर लेवल को केवल 15 मिनट में कम किया जा सकता है।

यह अध्ययन दो समूहों पर किया गया, जिसमें पहले समूह को शुगर ड्रिंक और दूसरे ग्रुप को 230 मिली लीटर अनार का जूस दिया गया। इस अध्ययन में शोधकर्ताओं ने पाया कि अनार का जूस, शरीर में ग्लूकोज के प्रति कम रिस्पॉन्स करता है। यह परिणाम उन लोगों में देखा गया, जिनका वजन सामान्य था। जिन लोगों ने केवल पानी का सेवन किया था, उनके रक्त शर्करा के स्तर में कोई बदलाव नहीं देखने को मिला। लेकिन जिन लोगों ने अनार का जूस पिया था, उनका ब्लड शुगर लेवल 15-20 मिनट के भीतर ही कम हो गया था। शोधकर्ताओं ने इस अध्ययन से यह निष्कर्ष निकाला कि अनार का जूस मधुमेह से पीड़ित मरीजों में ब्लड शुगर को नियंत्रित करने में मदद करता है।

इस अध्ययन के परिणामो बारे में विशेषज्ञों की क्या है राय?

हमने इस सम्बन्ध में ब्रीद वेल बीइंग,जो मधुमेह नियंत्रण और रिवर्सल के क्षेत्र में एक अग्रणी संस्था है , की प्रधान डायबिटीज कोच श्रीमती सीमा गोयल से बात की। श्रीमती गोयल ने दिल्ली विश्वविद्यालय से फ़ूड व न्यूट्रिशन में एम एस सी किया है। श्रीमती गोयल को इस क्षेत्र में 20 वर्षों सेअधिक का अनुभव है और विभिन्न प्रमुख समाचारपत्रों में इस विषय पर उनके लेख छपते रहे हैं। उन्होंने बताया कि…

  1. मधुमेह के मरीज के लिए फलों का रस लाभप्रद नहीं है क्योंकि रस निकालने की प्रक्रिया में सभी फाइबर ( रफेज़ ) निकल जाता है ।
  2. अनार का ग्लायसिमिक इंडेक्स व लोड दोनों ही अधिक होता है जिसके कारण यह रक्त में शर्करा के स्तर में एक दम से उछाल लाता है जो कुछ समय बाद फिर निचले स्तर पर आ जाता है । रक्त में शर्करा के स्तर में इस तरह का उतार चढ़ाव मधुमेह के मरीजों के स्वास्थ के लिए ठीक नहीं है ।

मधुमेह के मरीजों के लिए आदर्श खान पान

स्वास्थ विशेषज्ञ बताते हैं कि इस रोग के मरीजों को ऐसी चीजों का सेवन करना चाहिए, जिनमें शर्करा और कार्बोहाइड्रेट की मात्रा काफी कम हो। इसके लिए कैमोमाइल चाय, सेब, बीन्स, अखरोट, बादाम, पालक, चिया सीड्स ,हल्दी और मोटे अनाजों आदि को मरीज़ की डाइट में शामिल किया जा सकता हैं।

नियमित टहलना भी अति आवश्यक

स्वास्थ विशेषज्ञ मधुमेह के मरीजों को प्रति दिन 15 मिनट टहलने की सलाह देते हैं। क्योंकि टहलने से शुगर अब्जॉर्ब होता है, जिससे ब्लड शुगर स्तर नियंत्रित रहता है।

संतुलित खानपान, नियमित टहलना /व्यायाम और संयमित जीवन शैली ही इस रोग को रोकने और नियंत्रित करने के लिए सबसे उपयुक्त व कारगर उपाय हैं ।

द इण्डियन ओपिनियन – हेल्थ डेस्क

( डिस्क्लेमर – यह लेख उपलब्ध जानकारी के आधार पर लिखा गया है । लेखक या न्यूज़ चैनल न तो इस लेख के माध्यम से किसी उपचार का सुझाव दे रहे हैं और न ही इस सम्बन्ध में किसी प्रकार के दावे के लिए उत्तरदायी होंगे। पाठकों को सलाह दी जाती है कि वह इस सम्बन्ध में अपने सोत्रों से सम्पूर्ण जानकारी प्राप्त करने के बाद, संतुष्ट होने पर ,प्राप्त तथ्यों के आधार पर स्वविवेक से इस सम्बन्ध में कोई निर्णय लें।)

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