धार जिले के कारम नदी पर निर्माणाधीन बांध में लीकेज के बाद फूटने के खतरे को देखते हुए तैनात कर दी गई सेना-

धार के धरमपुरी में कारम नदी पर निर्माणाधीन बांध में रिसाव और मिट्टी धसने से उत्पन्न् खतरे को देखते हुए सेना के दो हेलिकाप्टर और एक कंपनी मदद के लिए तैयार रखी गई है। एनडीआरएफ की सूरत, वडोदरा, दिल्ली और भोपाल से एक-एक टीम भी रवाना हो गई है। हर टीम में 30 से 35 जवान हैं। वहीं, प्रशासन का दावा है कि शनिवार तड़के चार बजे तक बांध के निचले इलाकों में स्थित गांवों को खाली करा लिया है।

बांध को सुरक्षित रखे जाने के लिए जल संसाधन विभाग काम कर रहा है। उधर, अपर मुख्य सचिव गृह डा.राजेश राजौरा और जल संसाधन एसएन मिश्रा ने मंत्रालय स्थित कंट्रोल रूम से वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से समीक्षा की और अधिकारियों को दिशा निर्देश दिए।

बांध के निचले हिस्से के गांवों को सुरक्षित तरीके से खाली करा लिया गया है। बांध में 45 मिलियन घन मीटर पानी की क्षमता है, जबकि इसमें अभी 15 मिलियन घन मीटर पानी मौजूद है। पानी और कम हो गया तो बांध को टूटने से बचाया जा सकेगा। सिलावट ने बताया कि कारम बांध में एक किनारे से सुरक्षित तरीके से पानी की निकासी की जा रही है ताकि बांध की दीवारों पर पानी का दबाव कम किया जा सके।

हाइवे के दोनों ओर पुलिस तैनात रखें। एंबुलेंस की पर्याप्त व्यवस्था रखें। ड्रोन से निगरानी की जाए। वरिष्ठ अधिकारी सतर्क रहें और मैदानी अमले के संपर्क में रहें।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शनिवार को मंत्रालय स्थित नियंत्रण कक्ष में विशेष बैठक लेकर धार जिले की धर्मपुरी तहसील में कारम मध्यम सिंचाई परियोजना के निर्माणाधीन बांध से जनता की सुरक्षा के निर्देश दिए।

जिला प्रशासन को 11 अगस्त को ही बांध के रिसने की जानकारी मिली थी। इसके बाद संबंधित विभागों और मुख्यमंत्री कार्यालय को सूचित किया गया था। मुख्यमंत्री निर्माणधीन बांध से पानी रिसने के बाद चलाए जा रहे बचाव कार्यों की लगातार जानकारी ले रहे हैं। धार जिले की धर्मपुरी तहसील के ग्राम कोठीदा भारुडपुरा में करीब 100 करोड़ रुपये की लागत से बन रहे निर्माणाधीन बांध में पहली ही बारिश में गुरुवार को रिसाव शुरू हो गया है।

कारम मध्यम सिंचाई परियोजना के बांध के दाएं हिस्से में 500-530 के मध्य डाउन स्ट्रीम की मिट्टी फिसलने से बांध को खतरा पैदा हुआ था। बांध के निर्माण की गुणवत्ता को लेकर सवाल उठ रहे हैं। जल संसाधन विभाग के अपर मुख्य सचिव एसएन मिश्रा ने कहा कि हमारी पहली प्राथमिकता सुरक्षा है। अभी इस पर ध्यान दिया जा रहा है।

 

ब्यूरो रिपोर्ट ‘द इंडियन ओपिनियन’

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