इस खास कमरे में होती है टायर की टेस्टिंग, 50 करोड़ की मशीन, माइक में रिकॉर्ड होती है आवाज

किसी भी वाहन के लिए उसका टायर एक महत्वपूर्ण हिस्सा है. यह अकेला हिस्सा होता है, जो सीधा सड़क से संपर्क में रहता है. कार या बाइक का टायर वाहन के माइलेज से लेकर उसकी परफॉर्मेंस तक को तय करता है. यही वजह है कि एक टायर को बनाने से पहले कई तरह की टेस्टिंग करना जरूरी होता है. दिग्गज टायर कंपनी JK TYre के विक्रांत प्लांट ने हाल ही में अपने 25 साल पूरे किए हैं. इस मौके पर कंपनी ने टायर की रिसर्च से लेकर इसे तैयार किए जाने की प्रक्रिया के बारे में बताया है. यहां हम आपको टायर मैन्युफैक्चरिंग से जुड़े कुछ ऐसे तथ्यों के बारे में बता रहे हैं, जो शायद आपने पहले नहीं सुने होंगे.

 

परफॉर्मेंस और माइलेज चेक करने के अलावा टायर की आवाज को भी जांचना होता है. इसके लिए JK Tyre के प्लांट में एक खास कमरा बना है. इसे एनेकोइक चैंबर (anechoic chamber) कहा जाता है. इसे तैयार करने में 50 करोड़ (मशीनों समेत) का खर्च आया था. एनेकोइक चैम्बर इंजन और टायरों की आवाज की निगरानी, विश्लेषण और कंट्रोल करने में मदद करता है. खास बात है कि इस कमरे में किसी प्रकार की आवाज गूंजती नहीं है. यहां ट्रक से लेकर स्कूटर तक को मशीन पर चलाया जाता है और माइक के जरिए टायर की आवाज रिकॉर्ड की जाती है.

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