दिल्ली सरकार से तल्खी के बीच एलजी को मिलीं नई शक्तियां

राष्ट्रपति कार्यालय द्वारा अधिसूचनाओं के मुताबिक, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, दादरा और नागर हवेली और दमन और दीव, चंडीगढ़, पुडुचेरी और लक्षद्वीप सहित पांच अन्य केंद्र शासित प्रदेशों के प्रशासकों और उपराज्यपालों को भी राष्ट्रपति द्वारा समान शक्तियां प्रदान की गई हैं।
बीते साल के आखिर में हुए एमसीडी चुनाव के नतीजे आने के बाद से दिल्ली के उपराज्याल विनय कुमार सक्सेना और दिल्ली सरकार के बीच विवाद बढ़ गया है। इस बीच, राष्ट्रपति मुर्मू ने औद्योगिक संबंध संहिता, 2020 और व्यावसायिक सुरक्षा, स्वास्थ्य और कार्य की स्थिति संहिता, 2020 के तहत दिल्ली एलजी, वीके सक्सेना को दो नई शक्तियां दी हैं। राष्ट्रपति ने यह शक्तियां इसलिए दी हैं, ताकि केवल दिल्ली के एनसीटी के उन क्षेत्रों में नियम तैयार किए जा सकें जहां इसकी आवश्यकता है।
राष्ट्रपति कार्यालय द्वारा अधिसूचनाओं के मुताबिक, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, दादरा और नागर हवेली और दमन और दीव, चंडीगढ़, पुडुचेरी और लक्षद्वीप सहित पांच अन्य केंद्र शासित प्रदेशों के प्रशासकों और उपराज्यपालों को भी राष्ट्रपति द्वारा समान शक्तियां प्रदान की गई हैं।
गौरतलब है कि दिल्ली एलजी वीके सक्सेना को उस वक्त में यह नई शक्तियां मिलना महत्वपूर्ण है जबकि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के साथ उनके गतिरोध चरम पर हैं। दिल्ली सरकार और एलजी के बीच अधिकारों की ये लड़ाई कोई नई नहीं है। इस अधिकारों की लड़ाई का संबंध संवैधानिक और कानूनी पहलू से है। बावजूद इसके पिछले कुछ सालों से केंद्र की सत्ता में आसीन भाजपा और दिल्ली की सत्ताधारी पार्टी आम आदमी पार्टी के बीच का राजनीतिक मुद्दा बन गया है। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और लेफ्टिनेंट गवर्नर विनय कुमार सक्सेना के बीच हाल ही में टकराव उभर कर सामने आया है। टकराव की यह स्थिति दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) के मेयर और डिप्टी मेयर के 23 जनवरी के चुनाव से पहले शुरू हो गई थी। दिल्ली की सत्ताधारी पार्टी आम आदमी पार्टी ने एलजी वीके सक्सेना पर ‘व्यावहारिक रूप से सब कुछ’ पर आदेश जारी करने और निर्वाचित सरकार को दरकिनार करने का आरोप लगाया है।

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