बहादुर मुर्गे की हुई तेरहवीं, 500 लोगों को कराया भोज पढ़िए प्रतापगढ़ की अनोखी खबर!

प्रतापगढ़: आपने अभी तक किसी व्यक्ति के मौत होने पर तेरहवीं का कार्यक्रम होते देखा या सुना होगा लेकिन प्रतापगढ़ में एक तेरहवीं का अजीबो-गरीब मामला सामने आया है,जहां मुर्गे की तेहरवीं उसके मालिक ने किया तो इलाके में सभी लोग हैरान हो उठे।

लाली मुर्गे की मौत के बाद विधिवत उसका 13 दिन में तेरहवीं का कार्यक्रम करते हुए 500 ग्रामीणों को भेज कराया गया।आपको विश्वास नही होगा लेकिन तस्वीरे देख आप चौक जायेगे,प्रतापगढ़ जिला के फतनपुर थानाक्षेत्र के बेहदौल कला गांव निवासी डॉ. शालिकराम सरोज अपना क्लीनिक चलाते हैं। घर पर उन्होंने बकरी व एक मुर्गा पाल रखा था। मुर्गे से पूरा परिवार इतना प्यार करने लगा कि उसका नाम लाली रख दिया।

8 जुलाई को एक कुत्ते ने डॉ शालिकराम की बकरी के बच्चे पर हमला कर दिया। यह देख लाली कुत्ते से भिड़ गया। बकरी का बच्चा तो बच गया लेकिन लाली खुद कुत्ते के हमले में गंभीर रूप से घायल हो गया। 9 जुलाई की शाम लाली ने दम तोड़ दिया। घर के पास उसका शव दफना दिया गया।

यहां तक सब सामान्य था लेकिन जब डॉ शालिकराम ने रीतिरिवाज के मुताबिक मुर्गे की तेरहवीं की घोषणा की तो लोग चौंक उठे। इसके बाद अंतिम संस्कार के कर्मकांड होने लगे। सिर मुंडाने से लेकर अन्य कर्मकांड पूरे किए गए। बुधवार सुबह से ही हलवाई तेरहवीं का भोजन तैयार करने में जुट गए। शाम छह बजे से रात करीब दस बजे तक 500 से अधिक लोगों ने तेरहवीं में पहुंचकर खाना खाया। इसकी चर्चा दूसरे दिन भी इलाके में बनी रही।वही अनुजा सरोज ने बताया कि लाली मुर्गा मेरे भाइयों जैसा था,उसकी मौत होने के बाद 2 दिनों तक घर मे खाना नही बना मातम जैसे माहौल था,हम उसको रक्षाबंधन पर राखी भी बधाते थे,उसकी तेरहवीं का कार्यक्रम करते हुए 500 अधिक लोगो को भोजन कराया गया,भोजन में पूड़ी,सब्जी,दाल, चावल,सलाद,चटनी बनवाई गई,गांव के सभी लोगो को इस कार्यक्रम में आमंत्रित किया गया।

मुर्गे की तेरही अब चर्चा का विषय बनी हुई है,पहले ग्रामीणों को विश्वास नही हुआ लेकिन 40 हजार खर्च कर शालिकराम ने कार्यक्रम किया लोगो ने मुर्गे के प्रति मालिक का प्रेम देख कर उनकी सराहना कर रहे है,वही सालिकराम ने बताया कि मुर्गा हमारे परिवार के सदस्य जैसा था,घर की रखवाली करता है उससे सभी को अटूट प्रेम था,जिसकी मौत के बाद आत्मशांति के लिए तेरहवीं का कार्यक्रम किया गया।

रिपोर्ट – सुनील सोमवंशी,प्रतापगढ़

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *